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मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि रोकथाम को लेकर बागेश्वर वन क्षेत्र में मोबाइल कोर्ट के जरिए जनजागरूकता अभियान

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बागेश्वर। गर्मी के मौसम में बढ़ती वनाग्नि की घटनाएं और मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर चुनौती को ध्यान में रखते हुए बागेश्वर वन प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान का दूसरा दिन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह अभियान सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) के माध्यम से विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित किया गया।

28 मई को वन क्षेत्र अधिकारी श्याम सिंह करायत के निर्देशन में बालीघाट, आरे, पंद्रहपाली, छैना, हड़बाड़, जाख, गवाड़, अनरसा, शन, नानकन्यालिकोट और बेशानी जैसे संवेदनशील गांवों में यह अभियान चलाया गया। ग्रामीणों को वनाग्नि की रोकथाम, वन्यजीव संरक्षण और संघर्ष की स्थितियों से निपटने के तरीकों के प्रति जागरूक किया गया।

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वन अधिकारी श्याम सिंह करायत ने बताया कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास में कमी, जल स्रोतों का सूखना और भोजन की अनुपलब्धता उन्हें मानव बस्तियों की ओर खींचती है, जिससे संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि समाज की सक्रिय भागीदारी और संवेदनशील दृष्टिकोण ही इस चुनौती से निपटने का स्थायी समाधान है।

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उन्होंने विशेष रूप से जाख, शन और गवाड़ को मानव-वन्यजीव संघर्ष के लिहाज से अति संवेदनशील क्षेत्र बताया और कहा कि यहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

अभियान में वन दरोगा रवि प्रसाद, वन बीट अधिकारी चंदन राम, प्रवीण कपकोटी, चंदन फर्स्वाण सहित वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने अभियान का उत्साहपूर्वक स्वागत करते हुए वन विभाग को सहयोग का आश्वासन दिया।

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वन विभाग का यह प्रयास आने वाले दिनों में भी जिले के अन्य हिस्सों में जारी रहेगा ताकि अधिक से अधिक लोग वन सुरक्षा और संघर्ष से बचाव के प्रति सजग हो सकें।

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