केदारनाथ में 31 जुलाई की रात यात्रा पैदल मार्ग के भीमबली पड़ाव पर बादल फटने की घटना घटी। इसके बाद केदारनाथ धाम पैदल मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया। जिस वजह से हजारों यात्री केदारघाटी में फंस गए। 1 अगस्त से लगातार इन यात्रियों को निकालने का काम जारी है। यात्रियों को एयरलिफ्ट और अन्य पैदल मार्गों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल केदारनाथ यात्रा रोक दी गई। हेली सेवाओ के टिकट कैंसिल कर दिए गए हैं। लेकिन इसी बीच भाजपा नेता मदन कौशिक की एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें वह 2 अगस्त को केदारनाथ धाम में मौजूद नजर आ रहे हैं। जिस पर कांग्रेस ने कहा की भाजपा हमेशा से आपदा को अवसर के रूप में देखती है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि उन्हें अपनी कांग्रेस की राजनीतिक यात्रा की व्यवस्था करने के लिए केदारनाथ जाना था। लेकिन 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह से आई आपदा के कारण कांग्रेस को यात्रा रद्द करनी पड़ी। केदारनाथ के लिए पहले हेलीकॉप्टर की टिकट बुकिंग कार्रवाई थी। लेकिन आपदा के कारण हेली बुकिंग कैंसिल भी सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से कैंसिल कर दी। लिहाजा, इस समय केदारनाथ यात्रा पूरी तरह से रोकी गई है। लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री मदन कौशिक अपने पूरे परिवार के साथ केदारनाथ धाम के दर्शन कर रहे हैं ये अचंभित है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेताओं की रीति नीति को दर्शाता है कि वह कैसे आपदा को अवसर बनाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केदारनाथ यात्रा में हजारों यात्री इस वक्त परेशानियों से जूझ रहे हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए पूरा देश-प्रदेश दुआ कर रहा है। ऐसे समय में भाजपा के वरिष्ठ नेता केदारनाथ में अपने पूरे परिवार के साथ दर्शन कर रहे हैं। आखिर यह संभव कैसे हुआ? यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
वही बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सिर्फ केदारनाथ रेस्क्यू के मामले में जवाब दिया। उन्होंने कहा केदारनाथ धाम में अभी हालात सामान्य हैं और वहां से लोगों को लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है। धाम में इस वक्त शासन-प्रशासन चुनौतियों का सामना कर रहा है। लगातार मौसम भी केदारनाथ में मुश्किलें खड़ा कर रहा है। वहीं मदन कौशिक के केदारनाथ धाम के दर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि, इस वक्त किसी भी तरह के दर्शन नहीं हो रहे हैं। केवल और केवल वहां फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए मंदिर समिति भी शासन प्रशासन की मदद में जुटी हुई है।

