ऊधम सिंह नगर जिले से दुःखद खबर सामने आ रही है, यहां नदी में नहाते समय डूबने से भाई-बहन की मौत हो गई, घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। घंटों की मशक्कत के बाद स्थानीय गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शवों नदी से निकाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए। दोनों बच्चे अपनी दादी के साथ नदी किनारे घास काटने आए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह करीब दस बजे सिरोलीकलां निवासी फरमुदन पत्नी लतीफ अहमद अपने 8 वर्षीय पोते मो. साद पुत्र मो. हनीफ खटीमा निवासी और 8 वर्षीय पोती अनम पिता शहजाद निवासी सिरोलीकलां, धेवते अरमान और अयान के साथ घास काटने गौला नदी के किनारे गई थी। फरमुदन घास काटने लगी, इस बीच चारों बच्चे नदी में नहाने लगे। जिस जगह पर अनम और मो. साद नहा रहे थे उससे कुछ दूरी पर खनन के चलते करीब 12 फीट गहरा गड्ढा था और गहराई का अंदाजा नहीं लगने पर अनम और साद डूबने लगे। नदी किनारे खड़े अरमान और अयान ने भागकर दादी को इसकी जानकारी दी।
इस पर दादी ने शोर मचाया तो कुछ देर बाद सिरोलीकलां के लोग वहां पहुंचे और काफी देर बाद स्थानीय गोताखोरों ने पहले अनम को बाहर निकाला और कुछ देर बाद मो. साद को लेकिन तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया था। सूचना पर सीओ बहादुर सिंह चौहान मय फोर्स के मौके पर पहुंचे और शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए।
मृतक मो. साद खटीमा के इस्लामनगर में रहता था। परिजनों के अनुसार सिरौलीकलां निवासी लतीफ का पुत्र हनीफ राज मिस्त्री है। वह खटीमा में रहता है। करीब पंद्रह दिन पहले पूरा परिवार अपनी दादा दादी के पास सिरौलीकला आ गया था। यहां मो. साद अपनी दादी के साथ नदी तट पर चला गया और हादसे का शिकार हो गया।
ग्रामीणों ने घटनास्थल पर अवैध खनन को लेकर प्रदर्शन कर सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की जिस स्थान पर दोनों बच्चे गहरे पानी में डूबे वहां पर बहते पानी की तेज धार से खनन किया गया था। घटनास्थल से चंद कदम दूरी पर खनन करने वालों ने बालू के ऊंचे ऊंचे ढेर लगा रखे थे।