हाइड्रो पावर कंपनी उत्तर भारत के टनल के समीप हो रहे भू धंसाव और टनल से रिसाव की भू वैज्ञानिक की जांच के बावजूद ग्रामीणों की नाराजगी जारी है। आक्रोशित ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में धरना दिया और एसडीएम को ज्ञापन देकर टनल की भीतर से मरम्मत कराने की मांग की। ग्रामीणों ने 10 जुलाई तक टनल से रिसाव को बंद करने का काम शुरू नहीं किए जाने पर कंपनी में आंदोलन और तालाबंदी करने की चेेतावनी दी है।
हाइड्रो पावर कंपनी की टनल के समीप 29 जून को भारी बारिश के बाद भू धंसाव होने से गड्ढा बन गया था। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से इसकी शिकायत करते हुए टनल से रिसाव होने और गड्ढे के बनने से गांव को खतरा बताया था। तहसील प्रशासन के निरीक्षण के बाद कंपनी की ओर से भू वैज्ञानिकों को बुलाया गया। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान कोलकाता से सेवानिवृत्त वरिष्ठ उप महानिदेशक डॉ. प्रभास पांडेय ने दो दिन तक टनल के समीप धंस रही जमीन की जांच की। उन्होंने मिट्टी, पत्थर के नमूने भी लिए और कंपनी को गड्ढे को भरने को कहा। उन्होंने ग्रामीणों को भी समझाया कि टनल को प्रथम दृष्ट्या कोई खतरा नहीं लग रहा है। भारी बारिश से जमीन में धंसाव हो रहा है, हालांकि उन्होंने कंपनी के प्रबंधक को टनल क्षेत्र की डिटेल सर्वे कराने का भी सुझाव दिया। भू वैज्ञानिक एकत्र की गई सामग्री को लेकर कपकोट से रवाना हुए तो ग्रामीण फिर भड़क उठे। बड़ेत के ग्राम प्रधान भुवन ऐठानी और संघर्ष समिति के अध्यक्ष हयात सिंह बड़ती के नेतृत्व में खारबगड़ के ग्रामीण तहसील में धमक गए। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए धरना दिया और एसडीएम को ज्ञापन देकर टनल की सही से मरम्मत कराने, रिसाव बंद कराने और गड्ढे को भरवाने की मांग की। वही जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि मामले मे हमारे द्वारा पहले ही संज्ञान ले लिया गया है। कंपनी को जांच करने के निर्देश दिए गए थे उनके बाद जिला प्रशासन भी जांच करने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। वही कमलेश जोशी प्रबंधक उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी ने बताया कि वरिष्ठ भू वैज्ञानिक टनल के समीप हो रहे भू धंसाव की जांच करके गए हैं। ग्रामीणों की सभी समस्याएं उन्होंने सुनी और ग्रामीणों के अनुसार ही जांच की। कंपनी को उन्होंने गड्ढे को भरने और टनल क्षेत्र की डिटेल सर्वे कराने का सुझाव दिया है। कंपनी उनके सुझावों का पालन करेगी। गड्ढे को भरने के लिए आज से ही कार्य शुरू कराया जाएगा।