बागेश्वर जिला अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र शोपीस बनता जा रहा है। केंद्र 90 से कम दवाइयों के सहारे चल रहा है। यहां न इंजेक्शन हैं और न ही सर्जिकल सामग्री। दवाइयां भी पर्याप्त नहीं होने से सस्ती दवा की आस लेकर आने वाले मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल परिसर में 2019 में जन औषधि केंद्र खुला था। हालांकि तब से लेकर अब तक लोगों को केंद्र से बेहतर सुविधा का इंतजार बना हुआ है। केंद्र खुलने के बाद से कई संचालक भी बदल गए, लेकिन लोगों की सस्ती दवा खरीदने की आस पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में भी केंद्र में दवाओं का टोटा है। जन औषधि केंद्र की रेंज में करीब 600 दवाइयां होती हैं। जिनके सापेक्ष जन औषधि केंद्र में करीब 90 प्रकार की दवाइयां ही केंद्र में उपलब्ध हैं। इनमें दर्द निवारक और बच्चों के उपचार जैसी प्रमुख दवाइयां तक नहीं हैं।
जन औषधि केंद्र में सेनेटरी नैपकिन की काफी मांग रहती है, लेकिन यहां वह भी उपलब्ध नहीं हैं। केंद्र में केवल एक प्रकार का इंजेक्शन है। बच्चों की कोई भी दवा नहीं है। बुखार की दवा है, लेकिन रेंज पूरी नहीं है। कैल्शियम उपलब्ध नहीं है। सर्जरी और मरहम पट्टी से संबंधित कोई सामग्री और उपकरण नहीं हैं। हार्ट की दवा है, लेकिन रेंज कम हैं। पर्याप्त दवा नहीं होने से लोगों को बाजार से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत सिंह डसीला ने बताया की केंद्र जन औषधि केंद्र का इसको लेकर अपनी बड़ाई करती है लेकिन जन औषधि केंद्र का लाभ गरीब आम जनता को किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलता है। आम जनता आज भी बाजार से महंगी दवाइयों को लेने को मजबूर है। जहा मानकों के अनुरूप जन औषधि केंद्र में 300 दवाइया होनी चाहिए थी लेकिन यहा 70 से अधिक दवाइया है ही नही। जिस तरह से ये चल रहे है जल्द ही ये बंद हो जाएंगे।
वही सीएमएस वीके टम्टा ने बताया की जन औषधि केंद्र के संचालक को कई बार इसके लिए नोटिस दिया गया है लेकिन फिर भी उनके कार्य में कोई सुधार नहीं हुआ है मेरे द्वारा सीएमओ और डीएम को इसकी शिकायत की जाएगी।