logo

डोली में तीन किलोमीटर सफर कर पहुँची अस्पताल – सड़क से अब भी कोसों दूर सापुली तोक

खबर शेयर करें -

कपकोट (बागेश्वर)। मूलभूत सुविधाओं से वंचित पहाड़ की ज़िंदगी एक बार फिर चर्चा में है। कर्मी गाँव के सापुली (पराईजर) तोक की रहने वाली 30 वर्षीय हेमा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों ने तीन किलोमीटर दूर सड़क तक डोली में पहुँचाया। इसके बाद उन्हें निजी वाहन से कपकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहाँ सुरक्षित रूप से सामान्य प्रसव हुआ।

प्रसव पीड़िता के पति मनीष सिंह ने बताया कि कपकोट में रहने की उचित व्यवस्था न होने के कारण वह समय से पहले पत्नी को अस्पताल नहीं ला सके। पीड़ा शुरू होते ही ग्रामीण रघुवर सिंह, हुकम सिंह, कुंदन सिंह, उमराव सिंह, केशर सिंह और नरेंद्र सिंह ने मिलकर महिला को डोली के माध्यम से सड़क तक पहुँचाया।

यह भी पढ़ें 👉  जगदशिला डोली यात्रा का बागेश्वर पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

आशा कार्यकर्ती बनीं सहारा

आशा कार्यकर्ती आनंदी देवी शुरू से महिला के साथ रहीं। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में शिशु की स्थिति सामान्य थी, इसलिए प्रसव की संभावित तिथि के अनुसार ही महिला को अस्पताल लाया गया।

यह भी पढ़ें 👉  आतंक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर वरिष्ठ नागिरक जन कल्याण न्यास ने जताई खुशी

अब भी सड़क से वंचित सापुली तोक

गाँव के नरेंद्र सिंह ने बताया कि सापुली तोक में 55 परिवार रहते हैं। कर्मी गाँव क्षेत्र के सबसे बड़े गाँवों में गिना जाता है, लेकिन उसका सबसे बड़ा तोक अब तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है। उन्होंने बताया कि तोक तक न तो पक्की सड़क है और न ही कोई पगडंडी, जिससे ग्रामीणों को हर परिस्थिति में जोखिम उठाकर आवाजाही करनी पड़ती है।

यह भी पढ़ें 👉  बायोमैट्रिक उपस्थिति में लापरवाही नहीं होगी सहन

बार-बार की गई गुहार, फिर भी बेपरवाह सिस्टम

ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए कई बार शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग की है, लेकिन नतीजा अब तक शून्य ही रहा है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि कब तक पहाड़ की महिलाएँ डोली में बैठकर अस्पताल जाएँगी और कब ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा?

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Share on whatsapp