बागेश्वर में रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वाधान में डायट में आयोजित डीएलएड प्रशिक्षुओं का चार दिवसीय आपदा प्रबंधन एवं प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण समाप्त हो गया है। आपदा प्रशिक्षण में 60 प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिक चिकित्सा, रेपलिंग सहित अन्य जानकारी दी गई।
आपदा प्रबंधन एवं प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण में डीएलएड के प्रशिक्षुओं को आपदा के दौरान प्राथमिक उपचार और खोज-बचाव के गुर सीखाए गए। उन्हें आपदा के दौरान मौजूद संसाधनों से पट्टियों का निर्माण करना सिखाया। बुरी तरह से घायल लोगों को दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार की जानकारी दी। समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ हरीश पोखरिया रहे उन्होंने कहा की किसी भी आपदा से निपटने के लिए हमे खुद को दिमागी रूप से भी मजबूत रहने की जरूरत है। हम खुद को मजबूर रखेंगे तो हम आपातकालीन स्थिति में मजबूती से मदद भी कर पाएंगे। मास्टर ट्रेनर हरीश शर्मा ने कहा कि आपदा आने पर हड़बड़ाने की बजाय संयम से काम लेना चाहिए। धैर्यपूर्वक कार्य करके लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान राहत, खोज और बचाव कार्य जितना अधिक महत्वपूर्ण है, उतना ही आपदा न्यूनीकरण। यदि किसी क्षेत्र विशेष में आपदा की संभावना हो, उसकी जानकारी स्थानीय लोगों के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी दिया जाना चाहिए। प्रशिक्षण के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक व मानवजनित आपदाओं के बारे में विस्तार रूप से बताया गया। साथ ही किस आपदा के दौरान किस प्रकार की स्थिति सामने आती है और कैसे उन परिस्थितियों पर बचाव कार्य किया जाता है, इसकी जानकारी भी दी गई। इस दौरान आपदा के वक्त खोज एवं बचाव हेतु उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डीएलएड प्रशिक्षुओं ने कहा कि वो अपने अपने क्षेत्र में होने वाली विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के समय होने वाली घटनाओं में फर्स्ट रेस्पांडर की भूमिका निभाएंगे। इस दौरान चेयरमैन संजय साह जगाती, सचिव आलोक पांडेय, प्रदेश प्रतिनिधि दीपक पाठक, कोसाध्यक्ष जगदीश उपाध्याय, कार्यकारिणी सदस्य कन्हैया वर्मा, उमेश जोशी,सदस्य मोहिउद्दीन तिवारी, डॉ हरीश दफौटी, प्रमोद जोशी, आर,पी कांडपाल, हिमाशू जोशी आदि मौजूद रहे।