कुंवारी गांव के एक बीमार की मौत हो गई। जिस पर स्वजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। उन्होंने 108 एंबुलेंस पर लापरवाही का आरोप लगाया। जिला अस्पताल पहुंचने पर रोगी को गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कुंवारी गांव निवासी 75 वर्षीय पूर्व सैनिक हयात राम पुत्र अमर राम बीमार थे। गांव की सड़क बंद थी। रोगी को चमोली जिले के देवाल तक 15 किमी पैदल चलकर डोली के माध्यम से ले जाया गया। स्वजनों ने कहा कि 108 को काल किया। लेकिन वह नहीं पहुंची। जिला अस्पताल तक प्राइवेट वाहन से लाए। जहां प्राथमिक उपचार हुआ। गंभीर बताते हुए हायर सेंटर रेफर किया गया। यहां से फिर एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन वह 2.20 घंटे देर से पहुंची और रोगी ने दम तोड़ दिया।
मृतक के पुत्र आनंद और मोहन राम ने कहा कि 11.20 बजे एंबुलेंस को काल की। 1.40 बजे एंबुलेंस पहुंची। तब तक काफी देर हो गई थी। एंबुलेंस की देरी के कारण उन्होंने पिता को खोया है। ग्रामीण खीम सिंह दानू ने कहा कि जिले का सबसे सुदूरवर्ती गांव कुंवारी है। मूलभूत सुविधां नहीं हैं। सड़क काट दी है। वर्षा से बंद है। एंबुलेंस समय पर मिलती तो जान बच सकती थी।
डॉ महिमा ने बताया की रोगी के आंतों में इंफेक्शन था। सांस की समस्या थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अल्मोड़ा रेफर किया गया। एंबुलेंस का इंतजार स्वजन कर रहे थे। इस बीच रोगी ने दम तोड़ दिया।
वही 108 के जिला प्रभारी कमल शर्मा ने बताया की 11.46 पर काल आई। 1.25 पर जिला अस्पताल एंबुलेंस पहुंच गई थी। तब तक रोगी की मौत हो गई थी। एंबुलेंस बनलेख तीस किमी दूर से भेजी गई थी। जिला अस्पताल की दो एंबुलेंस रेफर मरीजों को लेकर अल्मोड़ा गई थी।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ विनोद कुमार टम्टा ने बताया की मरीज की कंडीशन ठीक नहीं थी। वह अल्मोड़ा पहुंचने के लायक भी नहीं थे। एंबुलेंस की कोई गलती नहीं है। स्वजनों के अनुसार रोगी को रेफर किया गया था।