जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से कपकोट क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जिसको लेकर लगातार विपक्ष सरकार को निशाने में भी ले रहा है। क्षेत्रीय भ्रमण पर गए पूर्व विधायक ललित फर्सवाण के द्वारा बताया गया कि जगह-जगह सड़कें पूरी तरह से बंद हुई हैं। वही सड़कों को खोलने के लिए विभाग तेज गति से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा की संवेदनशीलता किसी भी विभागीय अधिकारी पर दिख नहीं रही है उन्होंने कहा कि लंबे समय से लोग पैदल चलने को मजबूर हैं।
पूर्व विधायक ललित फर्सवाण लगातार आपदा प्रभावित परिवारों से मिल रहे हैं और उनको सत्वना भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह पिंडर घाटी, सरयू घाटी व पुगर घाटी और कामस्यार क्षेत्र में लगातार जनता की परेशानियों को देख रहे हैं। सरकार को जनता की समस्याओं से सरकार को कोई भी मतलब नहीं है। उन्होंने कहा की जिस तरह से त्वरित राहत राशि देने की बात प्रभारी मंत्री आपदा प्रबंधन की बैठक में कहते हैं वह होता दिख नहीं रहा है। उन्होंने बताया सकन्यूडा नाकुरी पट्टी क्षेत्र में चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। उनके द्वारा बताया गया सरकार की अनदेखी की वजह से उन्हें अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि आपदा की बैठक है केवल एक पार्टी की बैठक हो गई है उन बैठकों में जनप्रतिनिधियों को बुलाना जरूरी नहीं समझा जा रहा है और ना ही आपदा की समस्याओं को सुना जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार अगर जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती तो लोगों को इस तरह से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
आज सकन्यूडा नाकुरी पट्टी में क्षेत्र में दुबारा से उनके द्वारा भम्रण किया गया। इस दौरान दिवान राम पुत्र रमी राम का आवासीय मकान आँशिक क्षतिग्रस्त था। विगत 20 जुलाई की भयँकर बरसात में दिवान राम का आशियाना भी पूर्ण क्षतिग्रस्त होने से खुले में रहने को विवश हैं। और वही चँचल राम पुत्र फकीर राम का आवासीय मकान 7 को पूर्ण क्षतिग्रस्त हो गया था। आपदा प्रबंधन मानकों से आज दिन तक मुआवजा नहीं मिलना सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा की आपदा के मानकों को भी आज तक बदला नही गया है जबकि लोगो के मकान की छत पूरी तरह टूटने के बाद भी उन्हें आंशिक क्षत्रिग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है। जबकि वह खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। उन्होंने जल्द से जल्द सभी को मुआवजा देने की मांग की।