पूर्व केंद्रीय मंत्री यसवंत सिन्हा के नाम पर कांग्रेस,तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित 13 विपक्षी दलों ने बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में सहमति जतायी है। मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त बयान में कहा गया कि यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी दलों का उम्मीदवार चुना गया है।राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए संसद भवन में एकत्र हुए विपक्षी नेताओं ने सिन्हा के नाम पर सहमति जताई। सिन्हा का नाम पवार, गोपालकृष्ण गांधी और फारूक अब्दुल्ला के राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड़ से बाहर होने के बाद सामने आया।
यशवंत सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं। पहली बार वह 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री थे। वह वाजपेयी सरकार में कुछ समय विदेश मंत्री भी रहे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संयुक्त रूप से विपक्ष का बयान पढ़ते हुये कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।