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सुंदरढूंगा के भनार में टूरिस्ट गाइड का ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार

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सुंदरढूंगा ट्रैकिंग रूट में जान गंवाने वाले टूरिस्ट गाइड खिलाफ सिंह के शव का वाछम के ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार कर दिया है। शव लेने गई प्रशासन की टीम के बैरंग लौटने के बाद ग्रामीणों ने खुद जिम्मेदारी उठाई और देवीकुंड के भनार में पड़े गाइड के पार्थिव शरीर तक पहुंचे। शव की स्थिति खराब होने के कारण उसे उठाकर लाना संभव नहीं था। ग्रामीणों ने वहीं शव का अंतिम संस्कार कर सोमवार को इसकी सूचना कपकोट थाने और तहसील में दी।

वाछम गांव के जैंकुनी के रहने वाले खिलाफ सिंह दानू पिछले साल 12 अक्तूबर को पांच बंगाली ट्रैकरों को लेकर सुंदरढूंगा गए थे। 18 अक्तूबर को बर्फीले तूफान में फंसकर वे लापता हो गए थे। इस साल नौ जुलाई को ग्रामीणों को खोजबीन के दौरान गाइड का शव मिला। एसडीएम के निर्देश पर शव लाने के लिए एसडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस और आपदा प्रबंधन के मास्टर ट्रेनर की टीम सुंदरढूंगा रवाना हुई लेकिन खराब मौसम के कारण कठलिया तक भी नहीं पहुंच सकी। दो दिन रुकने के बाद टीम बैरंग लौट आई।

प्रशासन की टीम के लौटने के बावजूद ग्रामीणों ने हौसला बनाए रखा और फिर से सुंदरढूंगा रवाना हुए। 16 जुलाई को 17 ग्रामीणों नेे सुंदरढूंगा घाटी में देवीकुंड क्षेत्र के भनार में पड़े शव तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। गाइड का शव उठाकर लाने की हालत में नहीं था, जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने शव की फोटो और वीडियोग्राफी करते हुए वहीं अंतिम संस्कार कर दिया। 18 जुलाई को कपकोट आकर ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि चंदन सिंह ने बताया कि खिलाफ सिंह का अंतिम संस्कार करने वाली 17 सदस्यों की टोली में गाइड के भाई जोहार सिंह दानू, रघुवर सिंह दानू, भतीजे दीपक सिंह दानू के अलावा रूप सिंह, मोहन सिंह, दिनेश सिंह, नरेंद्र सिंह, दीपक सिंह, देवेंद्र सिंह, चामू सिंह, पुष्कर सिंह, हरीश सिंह, राम सिंह, सुरेश कुमार, हरीश सिंह दानू, राम सिंह दानू, चामू सिंह दानू आदि थे। संवाद
गाइड के परिवार वालों और ग्रामीणों ने पार्थिव शरीर को लाने का प्रयास किया था लेकिन शव उठाकर लाने की हालत में नहीं होने के कारण वहीं अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस मामले की रिपोर्ट तैयार करने के बाद तहसील प्रशासन और मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करेगी।

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