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गिर्दा की याद में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में हुए विभिन्न कार्यक्रम।

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अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन बागेश्वर में गिर्दा स्मृति दिवस के अवसर पर गिर्दा की याद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे स्थानीय सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में गिर्दा के गीतों और कविताओं को गाकर उनको याद किया गया।

कार्यक्रम में उनके परिचय और उनके जीवन के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया।

  1. कार्यकर्म में गिर्दा का परिचय और उनका साहित्य संसार-आरम्भ मे गिर्दा की व्यक्तिगत जीवन यात्रा पर सभी के समक्ष बात रखी गयी।
  2. शिक्षा पर गिर्दा के विचार- कैसा हो स्कूल हमारा कविता के माध्यम से केवल कांडपाल सर ने गिर्दा का शिक्षा के प्रति क्या नज़रिया था इस पर बात रखी और भीमताल मे scert की पुस्तक लेखन कार्यशाला मे उनके साथ के संस्मरण सुनाए, जिसमे यह बात भी आई की NcF बनने से पहले ही गिर्दा ने यह कविता लिख दी थी और बार बार पढ़ने, बरतने की सभी को आवश्यकता है।
  3. इसी क्रम मे DIET डॉ प्राचार्य शैलेंद्र धपोला ने भी गिर्दा के विचारों को अपने जीवन मे जीने की बात की, मूल्यों और संघर्षों से बेहतर सामाजिक बदलाव को कैसे किया जाए यह गिर्दा से सीखना चाहिए..
  4. इस मौके पर उनके गीत , कविताओं का सभी लोगों द्वारा वाचन किया गया. और कविता और लोक भाषा का प्रयोग कैसे अधिक से अधिक किया जाए इस पर विमर्श हुआ. NEP भी जिसकी वकालत करती है.. सदन मे इस पर भी सहमति बनी की गीत कविता सांस्कृतिक गतिविधियां मूल्यों के संवर्धन के लिए अति आवश्यक हैं. और ऐसे महान लोगों को याद करना ही काफी नही है उनके विचारों को पर जीना ज्यादा जरूरी है..
    इस दौरान उनके नाटक, गीत, कविताओं के कुछ अंश भी प्रस्तुत किये गए. और अंत में डीधव प्रवक्ता डॉ दया सागर जी द्वारा गाये गए जैता एक दिन तो आलो गीत के साथ सत्र का समापन हुआ.कार्यक्रम का संचालन बृजेश जोशी ने किया।

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