उत्तराखंड विधानसभा में आज यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC बिल ध्वनिमत से पास हो गया। सीएम पुष्कर धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा में यह बिल पेश किया था। इस बिल के कानून बनते ही उत्तराखंड में लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो जाएगा। ऐसा नहीं करने पर 6 महीने तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी भी गैर-कानूनी मानी जाएगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है। उत्तराखंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है…जिस बिल का लंबे समय से इंतजार था, जिसकी लंबे समय से मांग चल रही थी, वह बिल उत्तराखंड विधानसभा में पारित हो गया है।
यूसीसी बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के दस्तखत होते ही ये कानून बन जाएगा। इससे राज्य के सभी लोगों पर समान कानून लागू हो जाएंगे। हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों पर इसके प्रावधान लागू नहीं होंगे। समान नागरिक संहिता का वादा बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। धामी की सरकार बनने के बाद इसे लेकर समिति बनाई गई थी। इस समिति ने ढाई लाख से ज्यादा सुझावों के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया था। उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य होगा जहां समान नागरिक संहिता का कानून लागू होने जा रहा है। इससे पहले गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है, लेकिन वहां पुर्तगाल के शासन काल से ही ये लागू है।