जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता (FLN) एवं विद्यालय नेतृत्व विकास विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के तीसरे फेरे का शुभारंभ जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा श्री विनय कुमार जी एवं डायट के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार पांडे जी द्वारा किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला 6 से 8 सितम्बर 2024 तक चलेगी।अपने संबोधन में श्री विनय कुमार जी ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में बच्चों का बचपन कहीं गुम सा हो गया है, शिक्षकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि बच्चों के भीतर उत्तम स्वास्थ्य, संस्कार, प्रेम, स्नेह,अपनत्व की भावना का विकास कर उनके सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया जाए। यदि ये सब बातें बच्चों के भीतर आ जाएं तो भाषा तथा संख्यात्मकता का ज्ञान बहुत ही सरलता व सहजता से दिया जा सकता है।
डायट के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार पांडे जी ने सभी शिक्षकों का स्वागत करते हुए प्रत्येक बच्चे के भीतर छुपी क्षमताओं का प्रकटीकरण करने के साथ उनको प्रेरित करने पर बल दिया। प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थॉमस अल्वा एडिसन के जीवन की कहानी सुनाकर उनकी उनकी माताजी के सकारात्मक मार्गदर्शन से उनके एक सफल वैज्ञानिक बनने की कहानी को बताया। उन्होंने कहा कि निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति द्वारा 21वीं सदी के विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संदीप कुमार जोशी ने सभी प्रधानाध्यापकों का आह्वान करते हुए कहा कि एक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में हम अपने विद्यालय में वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति तक सतत् कार्य करते रहें। उन्होंने बताया कि प्रथम दिवस के महत्वपूर्ण बिंदुओं में एक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रधानाध्यापक की भूमिका, निपुण भारत के लक्ष्य, कक्षा 1व 2 की पुस्तकों का अभिमुखीकरण, जेंडर संवेदीकरण जैसे प्रमुख बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मास्टर ट्रेनर श्री बलवंत कालाकोटी, श्री संजय सिंह पूना, श्री रवि उप्रेती तथा सौम्या ने सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर डायट प्रवक्ता डॉ. कुंदन सिंह रावत, डाॅ. राजीव जोशी,श्री रवि कुमार जोशी, डॉं. भैरव दत्त पाण्डे, श्री कैलाश प्रकाश चन्दोला, डाॅ.भुवन चन्द्र, नीतू भारती विष्ट, शेर सिंह बसेड़ा, पंकज पाण्डे, हेमलता डांगी समेत जनपद के तीनों विकास खण्डों के 98 शिक्षक उपस्थित रहे।
हम सबका है एक ही नारा।
निपुण बने विद्यालय हमारा।।