प्रदेश में आज भी कई गांव के लोग सड़क नही होने से मरीजों और बुजुर्गो को डोली के सहारे लाने को मजबूर है। स्वास्थ्य शिक्षा सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का नही होने से पलायन को भी ग्रामीण मजबूर है। घटगाड़ गांव के ग्रामीण 24 साल से सड़क की मांग कर रहे है। सड़क न होने से मरीजों को डोली के सहारे दो किमी की चढ़ाई पार कर सड़क तक लाकर अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों की मजबूरी हो गई हैं। कल भी गांव के हरीश लाल की तबीयत अचानक खराब हो गई। उनके हाथ-पैरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद ग्रामीण उन्हें डोली की मदद से सड़क पर लाए। जहां से उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल लाया गया। पगना और बोहाला के निकटवर्ती घटगाड़ गांव में 350 से अधिक की आबादी निवास करती है। गांव के लिए सड़क की लगातार मांग के बावजूद अब तक नहीं बन पाई है। ग्रामीणों ने लकड़ी के दो डंडों और चादर से वैकल्पिक डोली तैयार की जिससे मरीज को लिटाकर सड़क तक लाया जा सके। युवाओं ने बारी-बारी से मरीज को डोली की मदद से सड़क तक पहुंचाया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल लाया जा सका। ग्रामीण प्रमोद कुमार, राजेंद्र प्रकाश, प्रकाश चंद्र, हरीश चंद्र, बालम कुमार, नवीन कुमार, श्याम लाल, देवेंद्र कुमार, भुवन चंद्र, चंद्रशेखर, कैलाश कुमार ने मरीज को डोली से लाने में मदद की।



