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जिला न्यायालय ने पॉस्को एक्ट के आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा।

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जिला एवं सत्र न्यायालय ने घर में घुसकर किशोरी के साथ जोर-जबरदस्ती, छेड़खानी करने के अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

अभियोजन पक्ष से मिली जानकारी के अनुसार बैजनाथ थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 20 नवंबर 2021 को पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 18 नवंबर 2021 को उसकी 11 वर्षीय बेटी और 9 वर्षीय बेटा घर पर अकेले थे। रात करीब 10 बजे अभियुक्त उसके घर में घुस गया। बेटी का मुंह बंद कर छेड़छाड़ करने लगा। चिल्लाने पर अभियुक्त भाग निकला। पड़ोस की महिला ने उसे घर से भागते हुए देखा और पहचान लिया। पड़ोस की ही एक अन्य महिला ने पीड़िता के पिता को फोन पर घटना की जानकारी दी। पॉक्सो अधिनियम, एससीएसटी एक्ट के साथ ही विभिन्न धाराओं में केस दर्ज बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। विवेचक सीओ शिवराज सिंह राणा ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।


अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पीसी टम्टा ने 16 गवाह अदालत में परीक्षित कराए। बुधवार को जिला अवं सत्र न्यायाधीश एसएमडी दानिश ने मामले के परीक्षण के बाद आरोपी को एससीएसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। धारा 452 में सात वर्ष का साधारण कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 3 (1) (ब) के आरोप में पांच साल का कारावास की सजा सुनाई। एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पॉक्सो अधिनियम में 20 वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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