जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर में डी.एल.एड. प्रशिक्षुओ हेतु राज्य स्तरीय “इंटर डायट कल्चरल मीट” (उमंग-2024) का शुभारंभ आज 20 नवम्बर को हुआ।
कार्यक्रम समन्वयक/डायट प्रवक्ता श्री रवि कुमार जोशी ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में, विशेष रूप से प्रारंभिक शिक्षा में लोक संगीत, लोक नृत्य, नाटिकाओं, बाल गीतों, लोककथाओं का विशेष महत्व है, इनके माध्यम से एक ओर विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास होता है तो दूसरी तरफ विद्यालय के विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सौन्दर्य का विस्तार होता है।
प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को उपरोक्त विधाओं में पारंगत होने और रूचि होने से वे छोटी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं से आसानी से घुल-मिल सकते हैं और विषय वस्तु के प्रति उनमें रूचि जाग्रत कर सकते हैं और अपने सामाजिक परिवेश के प्रति व लोक समाज के प्रति तादाम्य स्थापित कर संवेदनशील हो इन गतिविधियों के माध्यम से संस्कृति का संवर्धन, संरक्षण और प्रसार कर सकते हैं।
एन.ई.पी. 2020 के भाग 3, अध्याय 22 में भी सभी स्कूली स्तरों पर स्थानीय संगीत कला, भाषा और हस्तकौशल को बल देने तथा प्रोत्साहित करने तथा संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार करने पर विशेष बल दिया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर दीवान सिंह , कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा कहा गया कि अपनी जड़ों से जुड़ना सिखाते हैं ऐसे कार्यक्रम। संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करते हुए प्राप्त शिक्षा से ही हम उत्तराखण्ड का भला कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि लोक गायिका कमला देवी ने राजा मालूशाही और भगनौल सुनाकर आपने लोकगीतों की महत्ता का परिचय दिया और श्रोताओं को अपने गायन से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।तो दूसरी ओर डॉक्टर प्रीतम सिंह ने कार्यक्रम के सफल संपादन की शुभकामनाएं दी।
डाइट चमोली के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि बागेश्वर डायट ही एक ऐसी डायट है जो राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित कर सकती है।
उमंग-2024 के माध्यम से राज्य के तेरह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के 96 डी एल एड प्रशिक्षु तथा 30 शिक्षक इस समागम में पहुंचे।
कार्यक्रम के औपचारिक सत्र में लोक गीत गायन तत्पश्चात लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में जहाँ एक तरफ अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए लोक गीत, लोक नृत्य, नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे तो दूसरी ओर पढ़ने पढाने की विधाओं के अन्तर्गत बाल गीत, एजूकेशन थ्रू ड्रामा, समूह गीत आदि में प्रतिभागिता करेंगे।
डायट के प्राचार्य श्री दिनेश चन्द्र सती ने कहा कि भावी प्रारंभिक शिक्षकों में उपरोक्त गतिविधियों के प्रति रुचि जागृत कर एवं उक्त के प्रति सौन्दर्यानुभूति एवं व्यक्तित्व विकास कर पारंगत करना तथा इन विषयों की महत्ता से अवगत कराना है।
प्रथम दिवस में इस कार्यक्रम का 200 से अधिक दर्शकों ने आनंद लिया। कार्यक्रम में अल्मोड़ा चंपावत नैनीताल उधम सिंह नगर पिथौरागढ़ चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी देहरादून हरिद्वार डाइट ने प्रतिभाग किया।
निर्णायक समिति में हल्द्वानी से डा देवकिनदंन भट्ट, बागेश्वर से श्रीमती नेहा बघरी तथा श्री राजेन्द्र प्रसाद थे।
कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक श्री विनय कुमार, उद्योगपति श्री दलीप सिंह खेतवाल, इन्द्र सिंह परिहार, किशन सिंह मलड़ा,, डा पंकज दूबे, कैलाश चंदोला, डा सी एम जोशी,डा शैलेंद्र धपोला,डा संजय गुरुरानी, दिनेश खेतवाल, श्रीमती राखी पांडे, श्रीमती रूचिना, श्रीमती इंदुकांता, उर्मिला बिष्ट, रमेश उपाध्याय, यवनिका, तनुजा आदि 200 से अधिक लोग उपस्थित रहे। संचालन के एस रावत, रुचि पाठक, उर्मिला बिष्ट, पूजा लोहुमी, राजीव जोशी ने किया।