विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान केंद्र अल्मोड़ा के पूर्व वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी शिव सिंह खेतवाल का चयन पीक दधीचि पुरस्कार के लिए हुुआ है। आगामी 10 दिसंबर को प्लस एप्रोच फाउंडेशन की ओर से नई दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार बीएल मडुवा थ्रेसर और बीएल स्याही हल के डिजाइन निर्माण में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है।
बागेश्वर के तुपेड़ निवासी खेतवाल ने 1978 से 2016 तक विवेकानंद कृषि अनुसंधान में सेवा की। वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी के पद से सेवानिवृत होने के बाद भी वह पांच साल तक संस्थान से बतौर सलाहकार जुड़े रहे। शिव सिंह वर्तमान में अपने गांव में रहकर किसानों को कृषि की तकनीकी जानकारी मुहैया कराने का कार्य कर रहे हैं। खेतवाल के डिजायन निर्माण किए थ्रेसर और हल वर्तमान में देश के कई राज्यों में किसानों के काम आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने खेती के टूल किट दराती, कुदाल आदि यंत्र बनाने में भी सहयोग किया है। सोयाबीन का टोफू (पनीर) निर्माण के क्षेत्र में भी उन्होंने कार्य किया।
खेतवाल ने बताया कि वह संस्थान के अनुभवों को वह अपने गांव के लोगों के बीच साझा कर रहे हैं। खेतीबाड़ी के साथ-साथ नई तकनीकों पर भी कार्य कर रहे हैं। विवेकानंद संस्थान में होने वाले कार्यक्रमों में भी वह नियमित भागीदारी करते हैं। उन्होंने बताया कि प्लस एप्रोच फाउंडेशन के चेयरमैन आरसी गुप्ता की ओर से उन्हें पुरस्कार के लिए आमंत्रण मिला है।
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