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शंभू नदी से मलबा हटा, झील से पानी की निकासी हुई बड़ा खतरा टला

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कपकोट के अंतिम गांव कुंवारी में शंभू नदी में भूस्खलन का मल‌बा गिरने से बनी झील से का खतरा टल गया है। सिंचाई विभाग, तहसील प्रशासन और एसडीआरएफ के जवानों ने अथक मेहनत से झील के मुहाने पर जमा मलबा हटा दिया है। इस कार्य में प्रशासन की ओर से 20 श्रमिक भी लगाए गए थे।

शंभू नदी में 2018 से झील का निर्माण शुरु हो गया ‌था। आपदाग्रस्त गांव कुंवारी के समीप की पहाड़ी से भूस्खलन के कारण गिर रहा मलबा झील के आकार को बढ़ा रहा था। प्रशासन को जून में इसकी जानकारी मिली। जिसके बाद झील से पानी की निकासी कराने के प्रयास शुरु हुए। सिंचाई विभाग के ईई जगत सिंह बि‌ष्ट ने बताया कि चार दिन से एएई प्रकाश नेगी, पटवारी कुंदन प्रसाद, एसडीआरएफ के राजेंद्र मेहरा और उनके साथी मौके पर मौजूद थे। झील से अधिकांश मल‌बा हटाया जा चुका है। झील का आकार अब कम हो गया है। जल्द ही मलबे से बनी झील पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

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