देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफ़ा दे दिया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सरकार की कार्यप्रणाली को “तानाशाहीपूर्ण” बताया।
पत्र में कहा गया है कि हाल के कई सत्रों में कार्यमंत्रणा समिति को दरकिनार कर, सरकार अपने मनमुताबिक एजेंडा तय करती रही है। विधायकों का आरोप है कि 18 अगस्त को हुई समिति की बैठक में केवल 19 अगस्त की कार्यवाही ही तय की गई, जबकि समिति को भेजे गए प्रस्ताव में सत्र 22 अगस्त तक चलना निर्धारित था। विपक्ष का कहना है कि 19 अगस्त के बाद की बैठक सरकार ने जानबूझकर नहीं बुलाई और अचानक 20 अगस्त को सत्र का अवसान कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, “सरकार सदन चलाने में लोकतांत्रिक परंपराओं की अनदेखी कर रही है। विपक्ष की राय को दरकिनार कर केवल एकतरफा फ़ैसले लिए जा रहे हैं।” वहीं, विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि जब समिति के निर्णयों को महत्व ही नहीं दिया जा रहा तो इसमें बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
विपक्ष का यह कदम मानसून सत्र की संक्षिप्त अवधि और सरकार के रवैये पर राजनीतिक टकराव को और तेज़ कर सकता है।
