राजस्थान सरकार के नई पेंशन योजना को निरस्त कर पुरानी पेंशन बहाल करने का पुुरानी पेंशन बहाली मोर्चा से स्वागत किया है। मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग तेज कर दी है। पदाधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से के संघर्ष का फल राजस्थान के कर्मचारियों को मिला है। उत्तराखंड में बनने वाली नई सरकार से भी ऐसे ही फैसले की उम्मीद है।
प्रदेश में एक अक्तूबर 2005 के बाद से नियुक्त कार्मिकों को नई पेंशन योजना से जोड़ा गया है। हालांकि लागू होने के बाद से ही नई पेंशन योजना का विरोध होता रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के हित में नहीं है। बाजार आधारित इस योजना के लागू होने के बाद सेवानिवृत के बाद कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। लंबे समय से संघर्ष के बावजूद प्रदेश सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय से एक बार फिर से नई पेंशन योजना से जुड़े कर्मचारियों की आस जगी है। वहीं प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन बहाल करने की बात कही है। पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में सरकार चाहे किसी भी राजनीतिक दल की बने, उसे राजस्थान सरकार के फैसले का अनुसरण करते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने की पहल करनी चाहिए।
राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखते हए सराहनीय निर्णय लिया है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदेश में लगातार संघर्ष चल रहा है। उम्मीद है कि प्रदेश में गठित होने वाली नई सरकार कर्मचारियों की परेशानी को समझेगी और उनके सुरक्षित भविष्य के लिए उत्तराखंड में भी नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। नई पेंशन योजना मात्र एक छलावा है, जो कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित नहीं रख सकती है। नई पेंशन शेयर बाजार पर आधारित है। जो बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। यह योजना कर्मचारियों को रिटायर्ड होने के बाद भी सुरक्षित भविष्य की गारंटी नहीं देती है। प्रदेश सरकार को भी राजस्थान सरकार से सीख लेते हुए नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी योजना बहाल करनी चाहिए। पुरानी पेंशन योजना को बंद करने से कर्मचारियों का जो अहित हो रहा है, उसे तत्काल दूर किए जाने की जरुरत है। राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों की समस्या को गंभीरता से लिया और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया। प्रदेश सरकार से भी दरख्वास्त है कि वह नई पेंशन योजना की कमियों को देखते हुए तत्काल इसे वापस लेकर पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय ले।