उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। फुल कोर्ट रेफरेंस के बाद न्यायमूर्ति खुल्बे को भावभीनी विदाई दी गई। इस दौरान उनके ऐतिहासिक फैसलों को भी याद किया गया।
महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे ने साल 1986 में यूपी ज्यूडिशियल सर्विस से शुरुआत की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने कहा कि न्यायमूर्ति खुल्बे साल 2018 में उच्च न्यायालय के जज बने। उन्होंने हजारों केस निस्तारित किए। जिनमें उनके कई लैंडमार्क निर्णय भी शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश ने उनके व्यवहार की तारीफ करते हुए कहा कि वो बहुत सज्जन इंसान हैं।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे को हमेशा याद रखा जाएगा। खुल्बे के सेवानिवृत्त होने के बाद हाईकोर्ट में एक और पद रिक्त हो गया है। इससे न्याय प्रक्रिया और प्रभावित होगी। इसलिए सरकार जल्द नई नियुक्तियां करें। वहीं न्यायाधीश आरसी खुल्बे ने सभी का आभार व्यक्त किया।
बता दें कि न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे साल 1987 में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में शामिल हुए. बरेली, बदायूं, बिजनौर, नैनीताल और खटीमा में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रूप में कार्य किया. जस्टिस खुल्बे साल 1999 में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर बने. उसके बाद साल 2001 से 2003 तक ऊधम सिंह नगर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया।
हरिद्वार, हल्द्वानी और रुड़की में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, औद्योगिक अधिकरण हल्द्वानी के पीठासीन अधिकारी और जुलाई 2010 में जिला न्यायाधीश उत्तरकाशी के रूप में भी काम किया है। उन्होंने साल 2013 में सचिव लोकायुक्त के रूप में कार्य किया और तीन दिसंबर 2018 को वे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए. आज यानी 2 जनवरी 2023 को आरसी खुल्बे रिटायर हो गए।






