देहरादून। 38वें राष्ट्रीय खेलों में बुधवार को उत्तराखंड का खाता खुल गया। मार्शल आर्ट वुशु की चांगक्वान प्रतियोगिता में राज्य की ज्योति वर्मा ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 38वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य को पहला पदक मिलने पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने बधाई दी है।
राज्य को पहला पदक दिलाने वाली ज्योति बागेश्वर जिले की हैं। वह अपने गृह जनपद में ही पुलिस में तैनात हैं। प्रतियोगिता में मणिपुर, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, बिहार, गोवा और उत्तराखंड ने प्रतिभाग किया। खेल मंत्री ने कहा, हमारे खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता के लिए कड़ी मेहनत की है। उत्तराखंड की टीमें दूसरे खेलों में भी पदक जीतेंगी।
दूसरी ओर हरियाणा की रमिता बुधवार को जब अपनी एयर रायफल लिए शूटिंग रेंज पर पहुंची, तो उनकी काबिलियत कसौटी पर थी। कसौटी पर वह नवनिर्मित हाईटेक शूटिंग रेंज भी थी, जिसकी तुलना दिल्ली और भोपाल की शूटिंग रेंज से की जा रही थी। रमिता की रायफल से गोली निकली। स्कोर 634.9 रहा और यह 10 मीटर की एयर रायफल महिला स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड का कीर्तिमान बन गया। रमिता तो कसौटी पर खरी उतरी ही, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज की शूटिंग रेंज भी खरा सोना साबित हुई।
राष्ट्रीय खेलों के पहले दिन की इससे शानदार शुरूआत हो ही नहीं सकती थी, जबकि शूटिंग की पहली ही स्पर्धा में रिकार्ड टूट गया। भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के मुताबिक-इससे पहले, शूटिंग की इस स्पर्धा में क्वालीफिकेशन रिकार्ड 637 .7 स्कोर पर बना था। यह रिकार्ड भोपाल में आयोजित वल्र्ड कप चैंपियनशिप में बना था। रमिता ने दो अतिरिक्त प्वाइंट अर्जित कर नया क्वालीफिकेशन रिकार्ड बनाया है। रमिता को अब बृहस्पतिवार को इस स्पर्धा के फाइनल में खेलना है। दो तरह के रिकार्ड मेंटेन किए जाते हैं। एक क्वालीफिकेशन और दूसरा मेडल रिकार्ड होता है।
राष्ट्रीय खेलों के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज में बनाई गई हाईटेक शूटिंग रेंज की जितनी तारीफ की जा रही थी, वह पहले ही दिन सही साबित हुई है। भारतीय टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह शुरू से ही कह रहे थे कि जिस तरह से इस शूटिंग रेंज को तैयार किया गया है, उससे यहां नए रिकार्ड निकल सकते हैं।
क्वालीफिकेशन रिकार्ड बनाने वाली हरियाणा की रमिता पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह पेरिस ओलंपिक में अंतिम आठ में जगह बनाने में कामयाब रहीं थीं। रमिता का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि वह रिकार्ड बनाएंगी। अपनी कोच नेहा चवन को भी वह इस मौके पर याद करने से नहीं चूकी। साथ ही कहा कि दून की शूटिंग रेंज बहुत अच्छी है। पेरिस की शूटिंग रेंज में जो उपकरण लगे थे, वे ही यहां लगाए गए हैं। इससे स्कोरिंग अच्छी हो रही है।