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खाद्य विभाग ने चलाया मोबाइल टीम के माध्यम से जागरूकता अभियान।

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आजादी के अमृत महोत्सव के तहत खाद्य विभाग भी उत्तराखंड के हर जिले में जनता को मिलावटी खाद्य सामग्री को जांचने और मिलावटी खाद्य पदार्थ से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। बागेश्वर जिले में देहरादून से आई मोबाइल खाद्य टीम, खाद्य पदार्थों की जांच कर मौके पर ही विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता व मिलावट के बारे में जागरूक कर रही है।


जागरूकता अभियान के तहत खाद्य टीम ने विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को मिलावटी खाद्य सामग्री से बचने की सलाह दी। मोबाइल विश्लेषणशाला टीम में शामिल विशेषज्ञ व खाद्यय निरीक्षक ने दूध, मावा, मिठाई, पनीर, हल्दी, शहद, खाद्य तेल एवं मसालों की मौके पर ही जांच कर विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को उनकी गुणवत्ता व मिलावट के बारे में बताया।
खाद्य टीम ने लोगों को बताया कि मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। नमूने फेल होने पर संबंधित ब्रांड और व्यापारी के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाता है। खाद्य टीम में देहरादून के खाद्य प्रयोगशाला सहायक गौरव जोशी ने बताया कि घर में भी मिलावट के बारे में जांच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि चाय की पत्तियों को एक गीले टिशू पेपर में रखने पर यदि वो रंग छोड़ती हैं तो उसमें मिलावट है इसी तरह कांच के एक गिलास में साफ पानी में शहद डाला जाए तो शुद्व शहद तुरंत ही गिलास के तल में बैठ जाता है जबकि मिलावटी शहद घुलने लग जाएगा।


गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट गंभीर समस्या हो गई है। इन मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रयोग से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खुले में बेची जा रही और मिलावटी सामग्री के सैंपल भरने का प्रावधान है। सैंपल फेल होने की स्थिति में दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस स्थिति में 10 लाख रुपए तक जुर्माना और छह साल तक की सजा भी हो सकती है। इस मौके पर जिला खाद्य अभिहित अधिकारी प्रकाश फुलारा भी रहे मौजूद।

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