गोगिनापानी में बच्चों के खेलने के मैदान पर शराब निस्तारण करने गई आबकारी टीम को ग्रामीणों ने जमकर खरीखोटी सुनाई। एक गाड़ी शराब का निस्तारण कर लिया गया। लेकिन चार ट्रक ग्रामीणों ने वापस भेज दिए। उन्होंने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। कहा कि यदि गांव की आबोहवा को खराब करने की कोशिश की गई तो होगा आंदोलन।
आज आबकारी विभाग को पुरानी शराब का निस्तारण करना था। गोगीनापानी और पंथक्वैराली मोटर मार्ग के गोगीनापानी के समीप बच्चों के खेलने के मैदान को इसके लिए चुना गया। बताया जा रहा है कि बकायदा वन विभाग ने गड्ढा बनाने की अनुमति भी दे दी थी। भारी भरकम लोडर मशीनों से खुदाई होने की भनक ग्रामीणों को लगी तो वह नारेबाजी करते हुए पहुंच गए।
तब तक सड़क से लगभग 20 मीटर ऊपर की तरफ लोडर मशीन से काटकर रास्ता भी बना लिया था। खेल मैदान पर गड्ढा बनाया जा रहा था। जिस पर ग्रामीण भड़क गए और लोडर मशीन के आगे खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि आबकारी विभाग गांवों की आबोहवा बिगाड़ रहा है। बिना ग्रामीणों की अनुमति के भारी भरकम लोडर मशीन और ट्रकों में भरकर शराब गांव पहुंचा दी गई। यह मैदान बच्चों के खेलने के अलावा गौचर भी है। रमेश पाठक ने तत्काल इसकी जानकारी विधायक, तहसीलदार और जिला प्रशासन को दी। प्रशासन हरकत में आया और तहसीलदार दीपिका आर्य मौके पर पहुंच गई।
उन्होंने वस्तुस्थिति आला अधिकारियों तक पहुंचाई। आबकारी विभाग को वहां से बरैंग लौटना पड़ा। ग्राम प्रधान आनंदी देवी, बलवंत सिंह बिष्ट ने कहा कि शराब का निस्तारण करने के लिए आबकारी विभाग ने गलत स्थान का चयन किया। एक मीटर गड्ढा बनाकर उसमें बोतलें डाली जा रही हैं। जिससे पेड़, पौंधों के अलावा खेती को भी नुकसान होगा। उन्होंने वन विभाग की कार्यप्रणाली को भी गलत बताया।