जिला अस्पताल बागेश्वर में तैनात डॉक्टरों ने प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ जिला इकाई के बैनर तले सीएमएस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए ओपीडी का बहिष्कार किया है. जिससे इलाज के लिए अस्पताल आ रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, सीएमएस पर उनके और अन्य सहयोगी कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगा है. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वह आगामी सोमवार से उग्र आंदोलन करेंगे.
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ बागेश्वर जिला इकाई के अध्यक्ष गिरीजा शंकर जोशी ने कहा कि जिला अस्पताल का माहौल काम करने का नहीं रह गया है. सीएमएस उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. उन्हें सीएल, सीसीएल जैसे अवकाश लेने के लिए परेशान किया जा रहा है और सीसीटीवी कैमरों का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराब के नशे में रात को अस्पताल का निरीक्षण किया जा रहा है. इससे कर्मचारियों में भय और असंतोष का माहौल बना हुआ है. साथ ही जिला अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है.ओपीडी नहीं चलने से मरीज परेशान: ओपीडी नहीं चलने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. दो घंटे के बहिष्कार के बाद दोबारा ओपीडी सुचारू हो पाई. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. आंदोलन कर्मचारियों ने कहा कि इसकी सूचना जिलाधिकारी और डीजी हेल्थ को भी दी जाएगी. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. देवेश चौहान से भी मुलाकात की.
सीएमएस वी के टम्टा बोले किसी के साथ नहीं हो रहा अन्याय: सीएमएस टम्टा ने कहा कि कई कर्मचारी अस्पताल में बगैर ड्रेस कोड के पहुंच रहे हैं, जिससे उन्हें ड्रेस कोड पहनने के लिए कहा जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मी बगैर सूचना के 23 मार्च से तीन अप्रैल तक नदारद रहे, जिससे उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही सहन नहीं होगी. किसी कर्मचारी के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है.