बागेश्वर में ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले का हेली सेवा कराने वाले हेलीकाप्टर के पायलट व बेस मैनेजर ने आरोप लगाया है कि उनके व स्टाफ के साथ कुछ पुलिस कर्मचारियों ने अभद्रता की। मानकों को ताक पर रखकर पुलिस एयर क्राफ्ट तक पहुंची।
पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में कहा था कि पुलिस कर्मियों ने बिना कारण बताए हेली सेवा रोक दी। पुलिस कर्मियों ने हेलीकॉप्टर के पायलट, कर्मचारियों के साथ अभद्रता की। इस कारण पालिका को हेली सेवा बंद करनी पड़ी। पालिका ने मेले के लिए किराए पर हेलीकॉप्टर मंगवाया था। उड़ान रोकने से पालिका को करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ। जब हवाई सेवा रोकी गई, उस समय 40 से अधिक लोगों के टिकट बुक थे।
घटना की जानकारी देते हुए हेरिटेज एविएशन कंपनी के बेस मैनेजर मनीष भंडारी ने कहा कि गुरुवार को लगभग तीन बजे जब हेलीकाप्टर उड़ान पर था तो कुछ एसओजी के जवान सिविल ड्रेस पर वहां आए तथा हवाई मानकों का उल्लंघन कर एयर क्राफ्ट तक पहुंच गए।
पायलट कैप्टन अरविंद पांडे ने बताया कि उनकी ओर से जब हेली सेवा संचालित की जा रही थी तभी उनके पास दो पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस पर आए तथा जबरन हेलीकॉप्टर को रुकवाया तथा उनके पास आकर अभद्रता की तथा हेली सेवा बंद करने की बात कही। पायलट ने कहा कि उनके पास यूगाडा व जिलाधिकारी की अनुमति है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस तरह के लोगों से पुलिस बदनाम हो रही है। जिस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
बता दें 4 दिन पूर्व इस हेली सेवा का बागेश्वर महाविद्यालय के छात्र संघ पदाधिकारियों ने विरोध जताया था. उनका आरोप था कि बिना अनुमति के ही महाविद्यालय के फील्ड से व्यावसायिक उड़ानें भरी जा रही है. इतना ही नहीं मामले को लेकर छात्रों ने धरना भी दिया था. हालांकि, डीएम ने छात्रसंघ पदाधिकारियों से वार्ता की. जिसके बाद छात्रों ने कॉलेज से उड़ान भरने पर हामी भरी थी .
वही मामले में जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने एसडीएम को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
बता दे की जिले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की कार्यप्रणाली पर पहले भी अंगुलियां उठ चुकी हैं। बीते 22 नवंबर को भाजपा कार्यालय में जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा की बैठक में कार्यकर्ताओं ने एसओजी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। मंत्री ने एसओजी के खिलाफ मिली शिकायत पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।