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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देशभर में हुआ लागू, तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब मोदी सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के आज अमल में आने के बाद देश की राजधानी दिल्‍ली समेत कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्‍ली पुलिस की रिसर्व फोर्स ने शहर के तमाम मुस्लिम इलाकों में बड़ी संख्‍या में फ्लैग-मार्च किया। सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर है।

सरकार ने 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को संसद ने पारित किया था। यह बिल लोकसभा में 9 दिसंबर को पेश हुआ था। सदन में 311 वोट इस कानून के पक्ष में और 80 वोट विपक्ष में पड़े थे। राज्य सभा में बिल के पक्ष में 125 वोट मिले थे औऱ 105 वोट खिलाफ में पड़े थे। राष्ट्रपति ने विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी। विपक्ष सीएए लागू होने के बाद सरकार पर हमलावर हो गया है।

नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें…

1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।

3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।

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