जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर में द्वि वर्षीय डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं के प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के 87 प्रशिक्षुओं हेतु पांच दिवसीय “बाल पत्रिका” निर्माण कार्यशाला का आयोजन हुआ है। मुख्य संदर्भदाता के रूप में “बाल प्रहरी” पत्रिका के संपादक श्री उदय किरौला रहें।
सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा के प्रभारी एवं कार्यकम समन्वयक श्री रवि कुमार जोशी ने बताया कि छोटे बच्चों से जुड़ा बाल साहित्य बड़ों की आरोपित इच्छाओं और मान्यताओं से मुक्त और बच्चों की नैसर्गिक भावनाओं से युक्त होना चाहिए जिसमें बच्चों के मनोरंजन, शिक्षा और बच्चों की भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षक इन विधाओं में पारंगत हों और बाल पत्रिकाओं की रचना करने और करवाने में सक्षम हों। द्वि वर्षीय डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं को पाठ्यकम सामग्री तैयार करने, अभिलेखीकरण करने, सृजनात्मकता का विकास करने तथा विषयगत ज्ञान को समृद्ध करने वाली गतिविधियों का आयोजन करने में दक्ष बनाने हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिससे वे प्रशिक्षण पश्चात विद्यालयों में एक पेशेवर शिक्षक के रूप में नियुक्त हो पायें।
इन पाँच दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षु शब्द लेखन, नाम लेखन, रिपोर्ट तैयार करना, जीवन की घटनाओं पर कविता लेखन, दीवार अखबार लेखन, चुटकुले, कहानी लेखन, यात्रा वृतांत, चित्र देखकर कहानी एवं कविता लेखन, निबंध लेखन, समूह गीत, कहानी वाचन, समाचार लेखन, संपादकीय कार्य, कविता गोष्ठी, हस्तलिखित पुस्तक तैयार करना आदि में प्रशिक्षुओं को पारंगत किया जायेगा और अंतिम दिवस में इन दिवसों में तैयार हस्तपुस्तिकाओं की प्रदर्शनी भी की जायेगी।
मुख्य संदर्भदता श्री उदय किरौला ने कहा कि बच्चों की पुस्तिकाओं को लिखने हेतु बाल मनोविज्ञान का ज्ञान होना आवश्यक है। इन पत्रिकाओं का उद्देश्य मनोरंजन, ज्ञान और नैतिक मूल्यों का विकास करना होता है और बाल पत्रिकाओं में विद्यमान नवीनता, रोचकता, मनोरंजनात्मक शैली छात्र छात्रओं की जिज्ञासा को शांत करने में सहायक होती है।
प्राचार्य डॉ मनोज कुमार पांडे ने कहा कि बाल पत्रिकाएं बाल मनोविज्ञान के आधार पर, सुरुचिपूर्ण तरीके से ज्ञानवर्धक सामग्री को बच्चों के सामने प्रस्तुत करने वाली होनी चाहिए जिससे की बच्चों के स्तर पर जाकर सीखने सीखाने की प्रकिया संचालित हो पाये।
कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर डायट के प्रवक्ता डॉ भैरव दत्त पांडे, डॉ संदीप कुमार जोशी, डॉ दया सागर, डॉ सी.एम जोशी तथा 87 प्रशिक्षु उपस्थित रहे।



