बागेश्वर कपकोट एनएच पर भूस्खलन होने से वहां मलवे में, एक घंटे से एक कार फसी है। भूस्खलन से सड़क के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतार लगी है। सूचना देने के बाद भी
बीआरओ और लोनिवि की जेसीबी तीन घंटे बाद भी नहीं पहुंचने पर लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी गुस्सा है। विभागों की लापरवाही से पता चलता है कि आपदा प्रबंधन आपदा से निपटने के लिए कितना तैयार है।
बागेश्वर में मानसून सत्र की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने आपदा, लोनिवि व अन्य विभागों के साथ बैठक कर आपदा को लेकर लगातार दिशा निर्देश जारी किए थे। लेकिन जिस तरीके से आपदा होने पर जेसीबी भी वक्त पर नहीं पहुंच रही है इससे साफ पता चलता है कि आपदा की तैयारियां किस तरीके से की गई हैं। विभागों को जिला प्रशासन से निर्देश प्राप्त हुए लेकिन उन निर्देशों का पालन धरातल पर किस तरह से होता है यह आज कपकोट बागेश्वर एनएच पर देखने को मिल रहा है। आपको बता दें तीन दिन पहले हुई भारी बारिश से कपकोट बागेश्वर एनएच पर हरसीला के पास भारी मलबा आ गया था जिस वजह से वहां करीब 8 घंटे का जाम भी लगा था। उस जगह पर आज भी भारी मलवा आ गया लेकिन सड़क पर न बीआरओ की जेसीबी मौजूद है ना लोनिवि। वही मलबे में एक वाहन भी फस गया जिस वजह से दोनों ओर करीब एक घंटे से अधिक समय से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई है। यात्रियों ने बताया कि आपदा के वक्त कपकोट बागेश्वर जैसी मुख्य सड़क पर जेसीबी मौजूद ना होना आपदा की तैयारियों को बयां कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह एक ऐसे चट्टान के बीच में फंसे हैं जहां कभी भी ऊपर से मलवा सकता है बीच सड़क में गाड़ी फसने से उस गाड़ी के साथ अन्य लोगों को भी खतरा बना हुआ है लेकिन जिस तरीके से आपदा की तैयारियां की थी उसकी पोल यहां खुल रही है।