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भूपेंद्र कोरंगा नर्सिंग की स्थाई नियुक्ति को लेकर 3 दिन भूख हड़ताल पर बैठे।

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युवा समाजसेवी, इंटरनेशनल यूथ आईकॉन अवॉर्ड 2022 से सम्मानित भूपेंद्र कोरंगा ने प्रदेश में नर्सेज के 2621 पदों की वर्ष वार नियुक्ति की मांग को लेकर हल्द्वानी स्थित बुद्ध पार्क पर ऐलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन के अध्यक्ष बबलू एवं अन्य साथी जो 17 दिनों से धरने एवं पिछले 8 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे है, उनको जाकर 3 दिन भूख हड़ताल मे बैठकर समर्थन दिया। 3 दिन बाद सरकार के दबाव में आकर पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन भूपेंद्र कोरंगा को अस्पताल ले जाया गया। हॉस्पिटल में डॉक्टर के सलाह एवं नर्सेज भाई बहनों के निवेदन के बाद भूपेंद्र कोरंगा ने हॉस्पिटल में अपना अनशन तोड़ा एवं ऐलान किया कि मैं नर्सेज भाई बहनों की इस लड़ाई को अंतिम समय तक कंधे से कंधा मिलाकर लडूंगा।


जानकारी के अनुसार आज पूरे प्रदेश में सिर्फ 647 ही स्थाई नर्स है, जबकि पूरे प्रदेश में 11731 स्थाई नर्सेज के पद रिक्त हैं। जिसमें पिछले 12 साल से नियुक्तियां नहीं हुई है। प्रदेश के नेता और मंत्री तो अपना इलाज कराने प्रदेश से बाहर अच्छे अस्पतालों में चले जाते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्सेज ना होने की वजह से आम जनता को उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिल पाती है, जिससे मजबूरन उनको प्राइवेट हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है, और प्राइवेट हॉस्पिटल अपनी मनमर्जी रुपया लेते हैं जिससे आम व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है।


भूपेंद्र कोरंगा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जहां एक तरफ पूरा देश हर घर तिरंगा एवं आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं दूसरी तरफ आज देश हर घर रोजगार की मांग, एवं युवा बेरोजगारी का अमृत महोत्सव मनाने को मजबूर है। प्रदेश में दिन प्रतिदिन हो रहे भर्तियों में धाधली और भ्रष्टाचार से सरकार प्रदेश के युवाओं के मनोबल को तोड़ रही है। भूपेंद्र कोरंगा ने उत्तराखंड की आम जनमानस से भी निवेदन किया कि वह भी इस आंदोलन में अपना समर्थन देकर नर्सेज भाई बहनों की आवाज को बुलंद करें, क्योंकि यह मुद्दा उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ा हुआ है जो सभी उत्तराखंड के लोगों के लिए आवश्यक है।


जहां एक तरफ कोरोना काल के समय नर्सों के सम्मान मैं प्रधानमंत्री जी द्वारा ताली थाली बजाई एवं दिए जलाए गए, वही आज इन नर्सों का हक सरकार छीन रही है। और सभी नर्सों को अपना काम छोड़कर भूख हड़ताल पर अपनी जायज मांगों को लेकर बैठना पड़ रहा है।
भूपेंद्र कोरंगा ने कहा की उत्तराखंड सरकार सिर्फ 2621 पदों पर ही नहीं बल्कि संविधान की धारा 21 Right to protection of life and personal liberty तथा Right to Medical aid का संज्ञान लेते हुए 11721 रिक्त नर्सों के पदों में भर्ती सुनिश्चित करे।

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