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माँ बाराही धाम में असाडी कौतिक बग्वाल मेले का हुआ शुभारंभ

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रिपोर्ट – आशीष पाण्डेय

चम्पावत के माँ बाराही धाम देवीधुरा में पौराणिक काल से चला आ रहा बग्वाल मेले का आज जिला पंचायत अध्यक्षा ने रिबन काट कर उद्घाटन कर दिया है। 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण रक्षाबंधन को होने वाली बग्वाल होती है। 4 ख़ामो के बीच होने वाले इस बग्वाल में पूर्व में रणबाँकुरे माँ बाराही मंदिर प्रांगड़ खोलिखान दुबाचौड़ में पत्थर मार के खेला करते थे ,आज भी हर साल रक्षाबंधन के दिन माँ बाराही के इस प्रांगण में चारो ख़ाम के रणबाँकुरे बग्वाल को फलों और फूलों से खेलते है। ऐसा माना जाता है बग्वाल के दौरान खेल रहे रणबाकुरों के शरीर मे लगी चोट को ही वह प्रसाद के रूप में लेते है। 4 ख़ामो के बीच पत्थरो से चलने वाले इस पाषाण युद्ध को 2013 में कोर्ट के आदेशों के बाद ही फलो और फूलों से खेला जाने लगा। बग्वाल में हिस्सा लेने वाले रणबाकुरों का मानना है कि भले ही इस युद्ध को फलों और फूलों से खेला जाता हो लेकिन हवा में यह फल फूल पत्थरो में तब्दील हो जाते है। इस बग्वाल युद्ध के दौरान लगने वाली चोट उन्हें फल स्वरूप प्रदान होती है.
वही जिला पंचायत अध्यक्षा का कहना है कि बग्वाल में जिला पंचायत द्वारा श्रद्धालुओ के लिए हर तरीके के उचित प्रबंध किये गए है उन्होंने बग्वाल मेले को एक पौराणिक ऐतिहासिक मेला बताया।

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