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उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की चुनाव आयोग से अपील, चुनाव टालने पर करें विचार,राजनीतिक रैलियों पर लगाए रोक

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उत्तर प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के संभावित खतरे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताई है, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है, कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए,और उनसे कहा जाए कि चुनाव प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें, पार्टियों की चुनावी सभाएं एवं रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, ‘क्योंकि जान है तो जहान है’ न्यायमूर्ति शेखर कुमार एक आरोपी की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे, हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी, जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है, इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है, इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं, आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 26 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए, उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार करार दिया था, कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग ‘सबसे गैर जिम्मेदार संस्था’ है, अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है।

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