विशेष सत्र न्यायाधीश शहंशाह मोहम्मद दिलबर दानिश ने चरस तस्करी के मामले के आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। आरोपी दो साल पहले दो किलो 225 ग्राम चरस के साथ पकड़ा गया था।
30 दिसंबर 2019 को कोतवाली पुलिस शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए आरे-द्यांगण बाइपास पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इस दौरान शाम करीब 4ः25 बजे एक व्यक्ति कपकोट की ओर से कंधे में काले रंग का बैग लटकाए पैदल चला आ रहा था। संदिग्ध लगने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वह घबरा गया। शक होने पर पुलिस ने सख्ती से पूछा तो उसने बैग में चरस होने की बात कही। बताया कि वह चरस लेकर हल्द्वानी जा रहा है।
पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी के समक्ष बैग की तलाशी लेकर चरस बरामद की। जिसके बाद पुलिस उसे कोतवाली लाई, जहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। संपूर्ण कार्रवाई के बाद न्यायालय में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। विशेष सत्र न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश कराए गए। विशेष सत्र न्यायाधीश ने गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 8/20 के तहत दोषसिद्ध करते हुए सजा का ऐलान किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोविंद बल्लभ उपाध्याय और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने मामले की पैरवी की। बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह न्यायालय में पेश कराए गए।