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राजस्व कर्मचारियों ने अ‌निश्तिकालीन कलमबंद हड़ताल करी शुरू।

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राजस्व निरीक्षक और रजिस्ट्रार कानूनगो को एकीकृत करने के विरोध सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व कर्मचारियों ने अ‌निश्तिकालीन कलमबंद हड़ताल शुरु कर दी है। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक और राजस्व सेवक संघ के कर्मचारियों ने तहसील परिसर में धरना देकर सरकार से जल्द समस्याओं का निदान करने की मांग की। राजस्व कर्मियों ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी।

संघ के जिलाध्यक्ष जगदीश परिहार के नेतृत्व में कर्मचारियों ने हड़ताल शुरु करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष परिहार ने कहा कि राजस्व कर्मचारियों को संघों के एकीकरण पर आपित्त है। जिसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया, लेकिन अब भी राजस्व निरीक्षक और रजिस्ट्रार कानूनगो के पदों को एकीकृत नहीं करने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कर्मचारी समान कार्य का समान वेतन देने, 16वें बैच के राजस्व निरीक्षण प्रशिक्षण, राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन और राजस्व निरीक्षक सेवा निय‌मावली को लेकर ठोस निर्णय नहीं लेने से नाराज हैं। वहीं राजस्व कर्मचारियों ने संवर्गीय कर्मचारियों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2006 से करने की भी मांग की है।

राजस्व कर्मचारियों का कहना है कि शासन को कई बार मांगों का प्रस्ताव भेजने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके कारण मजबूर होकर कर्मचारी आंदोल कर रहे हैं। कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का निदान नहीं होगा, कमलबंद हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके पर कुंदन मेहता, सुरेंद्र कुमार, सुरेश सिंह राठौर, प्रवीण सिंह टाकुली, रमेश चंद्र, भगवती जोशी, मनोज कुमार, पप्पू लाल, युवराज गोस्वामी, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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