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डीडीहाट जिले की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारी देऊपा को पुलिस ने जबरन उठाया

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डीडीहाट जिले की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे आंदोलकारी दान सिंह को पुलिस ने जबरन उठा दिया है। फिलहाल, पुलिस उनका मेडिकल करवा रही है। अभी भी बाकी आंदोलनकारी अनशन पर बैठ हुए हैं।

डीडीहाट को जिला बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे दान सिंह देऊपा को आज पुलिस ने जबरन धरना स्थल से उठा लिया। इसके बाद पुलिस टीम उन्हें एम्बुलेंस में बिठाकर मेडिकल जांच के लिए ले गई। वहीं अनशनकारी लवी कफलिया आमरण अनशन पर डटे हुए हैं, जबकि राज्य आंदोलनकारी शेर सिंह शाही भी अब आमरण अनशन में बैठ गए हैं। अनशनकारियों का कहना है कि जब तक डीडीहाट को जिला नहीं बनाया जाता तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।

डीडीहाट के रामलीला मैदान में जिले की मांग को लेकर एक अक्टूबर से आमरण अनशन जारी है। पिछले चार दिन से अनशनकारी लवी कफलिया और दान सिंह देऊपा आमरण अनशन पर डटे हुए हैं। स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए प्रशासन और पुलिस की टीम अनशनकारी दान सिंह देऊपा को मेडिकल जांच के लिए ले गयी है। इस दौरान प्रशासन और अनशनकारियों के बीच हल्की फुल्की झड़प भी हुई। अनशनकारियों का कहना है कि पिछले चार दशक से डीडीहाट क्षेत्र की जनता जिले की मांग कर रही है, लेकिन जिले के नाम पर सिर्फ जनता को गुमराह किया जा रहा है।

बता दें साल 1962 से ही पिथौरागढ़ से अलग डीडीहाट जिला बनाने की मांग उठती रही है। लगातार उठती मांग को देखते हुए यूपी में मुलायम सरकार ने जिले को लेकर दीक्षित आयोग बनाया था। इतना ही नहीं निशंक सरकार में 15 अगस्त 2011 को डीडीहाट समेत रानीखेत, यमुनोत्री और कोटद्वार को जिला बनाने की घोषणा की थी। चुनावी साल में हुई इस घोषणा का शासनादेश भी जारी कर दिया गया था, लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ था। जिसका नतीजा ये रहा कि जीओ जारी होने के 10 साल बाद भी चारों जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए।

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