खरही पंपिंग योजना के पुनर्गठन को लेकर बिलौना में खेतों से बिछाई जा रही पाइप लाइन का विरोध तेज हो गया है। लोगों ने पेयजल निगम पर बिना एनओसी के नाप खेतों में खुदाई करने का आरोप लगाया। विभाग से सर्वे बदलने की मांग की। मामले को सुलझाने के लिए मौके पर गए ईई भी लोगों को समझाने में असफल रहे। ग्रामीणों ने कहा कि जबरन खेतों की खुदाई की गई तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
खरही पट्टी के लिए 1979-80 में बिलौना सरयू नदी से पंपिंग योजना का निर्माण कराया गया था। इस योजना का अब पुनर्गठन किया जा रहा है। जिसके तहत पेजयल निगम ने पाइप लाइन बिछाने का काम शुरु किया। पाइप खेतों से होकर गुजारे जा रहे हैं। जिसको लेकर लोग भड़क गए हैं। लोगों का कहना है कि विभाग नाम जमीन की खुदाई कर रहा है। इसके लिए किसी भी खेत मालिक की अनुमति नहीं ली है। देर रात तक जेसीबी लगाकर विभाग खेतों को खोद रहा है। कहा कि नाप जमीन पर पाइप लाइन डालने से खेत बर्बाद हो जाएंगे। जिसका असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा। वहीं जमीन में मकान और अन्य निर्माण कार्य कराने में भी परेशानी होगी। ग्रामीण हरक सिंह कनवाल, मनोहर कनावल, सुंदर भंडारी, मोहन मेहता, जगदीश टाकुली सहित अन्य लोगों ने कहा कि विभाग उनकी नाम जमीन को बर्बाद करेगा तो उसे रोकने के लिए आंदोलन किया जाएगा।
इधर, जल निगम के अधिशासी अभियंता विपिन कुमार रवि ने बताया कि पाइप लाइन योजना के निर्माण के समय की सर्वे के अनुसार ही बिछाई जा रही है। जिस स्थान से पहले पाइप लाइन थी, उसी सर्वे पर नए पाइप बिछाए जा रहे हैं। ग्रामीणों को पाइप लाइन से किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। पंपिंग योजना के पुनर्गठन के लिए पंप आदि की खरीद कर ली गई है। अगर अब सर्वे बदली तो नुकसान उठाना पड़ेगा। फिलहाल अपने स्तर से ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर मामला नहीं सुलझा तो प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा।