दि हिमालय ट्रस्ट तथा सीमैप शोध केंद्र पुरड़ा के तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें औषधीय व सगंध की खेती पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि यह खेती किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्य अतिथि वित्त मंत्रालय के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी अनिल बहुगुणा ने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ औषधीय खेती पर ही हाथ आजमाने चाहिए। आज विभिन्न प्रकार के शोध हो रहे हैं। इसका लाभ किसानों को मिले तभी शोध सफल माना जाएगा। नितन जुगरान बहुगुणा ने लोगों से सीपैप की योजना का लाभ उठाने की अपील की। तकनीकी अधिकारी प्रलव सिंह वर्मा ने कहा कि बागेश्वर में औषधीय व सगंध खेती के लिए जलवायु मुफीद है। वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर इसका लाभ किसानों को जरूर मिलेगा। किसानों ने लेमनग्रास व रोजमेरी की खेती में अपनी रुचि दिखाई। इस मौके पर ललिता जोशी, सदानंद मिश्रा, पार सिंह बिष्ट, रीता आदि मौजूद रहे।