गिरीश चंदोला (चमोली)
थराली नगर क्षेत्र में अंतर्गत सिमलसैणं गाँव मे 25 दिन से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन नलों में पानी की बूंद तक नही ऐसे में जलसंस्थान के अधिकारियों सहित उपजिलाधिकारी थराली को टेलीफोन के माध्यम से कई बार पानी नही आने की शिकायत भी कर चुके है। लेकिन ग्रामीणों को पानी नही मिल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है। अगर 1- 2 दिनों में पानी की समस्या का समाधान नही किया गया और नलों में पानी नही आया तो ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन और जलसंस्थान की होगी जलसंस्थान की लाइन कई सालों से खराब है उसे ठीक नही गया जिसके कारण नलों में पानी नही आता और नलों में जंक भी लग चुके है। औऱ 10 सालो से अधिक का समय हो चुका। पानी की लाइन आजतक ठीक नही की गई है। जिससे पानी के पाइपों में मिट्टी फसने से लाइन बंद है। पानी नलों तक नही पहुँच पा रहा है। प्रत्येक साल सरकार के द्वारा लाइन मरम्मत के लिये हजारों रुपये जलसंस्था विभाग को मिलते है। लेकिन फिर भी पानी की लाइन इतने सालों में ठीक नही हो लाई है।
जलसंस्था ने पानी के सप्लाई के लिए एक डेलिवेसेज फिटर भी रखा है। जो लाइन को ठीक करने की जहमत तक नहीं उठाता। वह मनमानी से पानी देता है। जिस कारण आधे गाँव को पानी मिल रहा और आधा गाँव पानी को तरस रहा है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। फिटर की मनमानी से लोग परेशान है। पानी नहीं आने के बाद भी बिल पूरा आता है। कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जलसंस्थान के अधिकारी फिटर से लाइन ठीक करने को बोलते तक नहीं है। जब भी उससे व्यवस्थित रूप से पानी देने की मांग की जाती है तो वह ग्रामीणों को अपनी मर्जी का हवाला देता है। एक्शन और जूनियर इंजीनियर के द्वारा भी उस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि ग्रामीणों कई बार अपनी शिकायत विभाग को बता चुके है। ग्रामीणों ने कहा कि अब भी उनकी मांग नहीं मानी गई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।