चमोली, अल्मोड़ा, नैनीताल वन पंचायत संगठन से जुड़े दर्जनों पदाधिकारी बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा के लिए रवाना हुए. लेकिन पुलिस ने दीवालीखाल जाने से पहले ही रोक दिया. इस दौरान पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. गुस्साए पदाधिकारियों ने सड़क पर बैठकर ही प्रदर्शन किया.
वन पंचायत संगठन चमोली ने जंगलचट्टी बैरियर पर एकत्रित होकर अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की. बैरियर पार करने की कोशिश कर रहे लोगों को पुलिस बल ने दीवालीखाल जाने से रोका. बाद में केवल दो पदाधिकारियों को जाने की अनुमति दी. हालांकि, स्थिति को सामान्य देख फिर सभी आंदोलनकारियों के लिए बैरियर खोल दिया गया. आंदोलनकारी पैदल ही दीवारीखाल की ओर नारेबाजी करते हुए रवाना हो गए.
वहीं, दीवालीखाल में बैरियर पर आंदोलनकारियों को पुलिस बल द्वारा विधानसभा नहीं जाने दिया गया तो वो वहीं सड़क पर बैठ नारेबाजी करने लगे. यहां चमोली वन पंचायत संगठन के अध्यक्ष कैलाश खंडूड़ी, उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद सती, सुशील ध्यानी, घनानंद शर्मा, निशा जोशी, रामगढ़ की वीना विष्ट, हेमा नेगी समेत चमोली, अल्मोड़ा, नैनीताल वन पंचायत संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि वन पंचायतों की उपेक्षा कर वन विभाग लाखों के बजट को ठिकाने लगा रहा है. गांवों के हक हकूकों को छीनकर पहाड़ को बर्बादी की ओर धकेल रही है. प्रदेश का कोई भी विधायक वन पंचायत संगठन की समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है. इस उपेक्षा का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा. इस दौरान प्रदर्शनकारीयों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित किया.

