बागेश्वर। एक ओर नमामि गंगे योजना के तहत नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, वहीं नगरपालिका क्षेत्र में सरयू नदी किनारे मानकों की अनदेखी कर शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। वेणीमाधव मंदिर और सरयू नदी के समीप शौचालय का निर्माण किए जाने से व्यापारियों और हिंदूवादी संगठनों ने रोष जताया है। जिलाधिकारी से मामले का संज्ञान लेकर तत्काल शौचालय का निर्माण रुकवाने की मांग की है। इधर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मामले की जांच करने की बात कही है।
शौचालय का निर्माण नगरपालिका की ओर से कराया जा रहा है। पूर्व में नुमाइशखेत और वेणीमाधव के लोगों ने शौचालय बनाने का विरोध किया था, नगरपालिका परिसर में प्रदर्शन कर विरोध भी जताया था। बावजूद इसके जन भावनाओं की अनदेखी कर शौचालय बनाया जा रहा है। विहिप के नगर अध्यक्ष नवीन रौतेला, हिंदुवाहिनी के रोहित पंत और व्यापार संघ के सदस्यों ने कहा कि सरयू तट पर लोग पर्व के दौरान स्नान करते हैं। नदी का जल भगवान को अर्पित किया जाता है। नदी किनारे शौचालय बनने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और नदी में भी प्रदूषण बढ़ेगा। नगरपालिका का नुमाइश खेत मैदान से करीब 20 मीटर की दूरी पर एक शौचालय पहले से ही है उसको सही करने के बजाय सरयू नदी को प्रदूषित करने का काम नगरपालिका द्वारा करना निंदनीय है। पालिका के ईओ सतीश कुमार ने सरयू नदी किनारे बायो शौचालय बनाने की बात कही और बताया की इस शौचालय से किसी तरह की गंदगी नही होगी।
बता दे की तहसील क्षेत्र में दो साल पहले तीन बायो शौचालय बनाए है। तीनो बायो शौचालयो में स्वच्छता कितनी है और इनकी स्थिति किसी से छुपी नहीं है।
सरयू घाटों का निर्माण करने के बजाय पालिका के द्वारा मनमाने तरीके से पवित्र सरयू नदी को प्रदूषित करने का काम तो किया जा ही रहा है साथ ही नमामी गंगे योजना को भी पलीता लगाया जा रहा है।