उत्तराखंड को साल 2025 तक सशक्त बनाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में सीएम धामी ने गुरुवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने इन विभागों की ओर से तैयार की गई अल्प, मध्य और दीर्घकालिक रोड मैप की समीक्षा की. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो योजनाएं 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य अंश के तहत संचालित हो रही हैं, उसका यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी प्रक्रिया को पूरा कर केंद्र सरकार को भेजे.
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में शासन स्तर पर बेवजह देरी ना की जाए. इसके अलावा, जो योजनाएं 90 फीसदी राज्य और 10 फीसदी केंद्र अंश के तहत संचालित हो रही है, उनमें से अगर कोई योजना साल 2020 के पहले से लंबित है तो उसका पूरा ब्योरा तैयार कर सौंपा जाए. सीएम धामी ने ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए. साथ ही ऑनलाइन मार्केटिंग की भी बेहतर व्यवस्था करें.
उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड के जिन उत्पादों की अधिक डिमांड है, उनकी पूर्ति के लिए भी विभाग जरूरी व्यवस्था करे. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि समीक्षा बैठकों में जो भी निर्णय लिए जा रहे हैं, उसके कार्यों का जानकारी अगली बैठक में दी जाए. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में विकास के कार्य किए जा रहे हैं, उसमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए. इन योजनाओं में भारत सरकार के स्तर से सामग्री अंश के भुगतान में किसी कारण विलंब होने की स्थिति में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था की जाए। सीएम ने पंचायतीराज विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी ग्राम पचायतों को ओडीएफ प्लस करने की दिशा में की जा रही कार्रवाई में और तेजी लाए. इसके अलावा गांवों में सोलर लाइट को बढ़ावा, कम्प्यूटर विहीन ग्राम पंचायतों को कम्यूटरीकरण करने के कार्य को तेजी से किया जाए. ग्रामीण विकास के माध्यम से आर्थिकी को दोगुना करने के लिए मनरेगा के तहत विभिन्न रेखीय विभागों के कनवर्जेन्स की कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है. दीनदयाल अंतयोदय- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन वैल्यू चैन आधारित विपणन सुविधाओं के विकास पर कार्य किया जा रहा है. 2025 तक सवा लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक प्रदेश में 40 हजार लखपति दीदी बन चुकी हैं.