बागेश्वर में आज एनएसयूआई और छात्रसंघ के पदाधिकारियों के द्वारा जेल से बाहर आने पर प्रेस वार्ता की गई। उन्होंने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था आज भद्दा मजाक बन के रह गई है। हम सभी छात्रों को बिना हमारी गलती के गलत तथ्यों के साथ साजिशन फसाया गया। जिनका कोई आधार नहीं था। जिसका हम लगातार विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा की इस मामले में हम कानूनी राय लेकर आगे कार्यवाही भी करेंगे।
बागेश्वर में आज पर्यटक आवास गृह में एनएसयूआई कार्यकर्ताओ और छात्रसंघ पदाधिकारियों के द्वारा जेल से बाहर आने पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कमलेश गड़िया ने बताया कि जिले में पुलिस एक तरफा कार्यवाही कर रही है। कॉलेज परिसर ने हुए विवाद में एनएसयूआई के द्वारा भी कोतवाली में अपनी एफआईआर दी गई थी। लेकिन कोतवाल के द्वारा हमारी एफआईआर नही ली गई। उल्टा हमारे कार्यकर्ताओ को जेल में झूठे केस में फसाने की बात कहकर डराया गया। उन्होंने कहा की हम डरने वालो में नही है। हम इस मामले में न्यायालय के माध्यम से आगे की कार्यवाही करेंगे। और किसी भी रूप में भाजपा के गुंडों से हम डरने वाले नहीं है।
वही छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि जिले के महाविद्यालय ने जबसे एनएसयूआई पूर्ण बहुमत से जीती है। और एनएसयूआई के द्वारा जो ऐतिहासिक कार्य किए गए है उससे अभाविप कार्यकर्ताओ में डर बैठ गया है। उनको यह समझ नही आ रहा है की एक दलित छात्र केसे इतना कुछ कर सकता है। जिस कारण उनके द्वारा हमे वर्ष भर काफी परेशान किया गया। घटना के दिन हमने केवल बिना अनुमति के कार्यक्रम की जानकारी मांगी गई। लेकिन कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक कम भाजपा के नेता ज्यादा व्यक्ति के द्वारा अभद्रता शुरू कर दी। जातिसूचक शब्दो का भी प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा की उसके बाद वहा भाजपा के गुंडे लाठी डंडों के साथ पहुंच गए। उनके द्वारा पुलिस के सामने हमे मारा। पुलिस को भाजपा का पट्टा पहनाने की जरूरत है। जिस तरह वह भाजपा और उनके लोगो का साथ दिया। उनकी कार्यशैली उनको भाजपा का कार्यकर्ता ही बनाती है। हमको न्यायालय पर पूरा भरोसा है। हम न्यायालय के माध्यम से आगे की कार्यवाही जारी रखेंगे। इस दौरान एनएसयूआई और छात्रसंघ के पदाधिकारी और छात्र मौजूद रहे।