बागेश्वर: कठपुड़ियाछीना संघर्ष समिति ने पृथक विकास खंड की मांग तेज कर दी है। उन्होंने कहा कि विकास खंड नहीं होने से खरेही, धूराफाट तथा रीठागाड़ क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है। वह विकास की दौड़ में पिछड़ रहे हैं। बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा आदि मुद्दों को लेकर 21 वीं सदी में भी आंदोलित हैं। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन उग्र करने का निर्णय लिया है।
सोमवार को संघर्ष समिति के कार्यालय में बैठक आयोजित हुई। अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पृथक विकास खंड नहीं होने से क्षेत्र का विकास रुक गया है। ब्लाक के लिए उन्हें 34 से 50 किमी दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। जिसमें जनप्रतिनिधियों का धन तथा समय बर्बाद हो रहा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं। केंद्र सरकार को कठपुड़ियाछीना को पृथक विकास खंड का दर्जा देना चाहिए। वह 1971 से मांग कर रहे हैं। वक्ताओं ने जल जीवन मिशन योजना की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। जिलाधिकारी से जांच की मांग की। कठपुड़ियाछीना-सेराघाट मोटर मार्ग का निर्माण पूरा नहीं होने पर रोष व्यक्त किया। कहा कि टैक्सी चालक जान जोखिम में डालकर यात्रियों को ढो रहे हैं। कभी भी बढ़ी दुर्घटना हो सकती है। बैठक के बाद समिति ने तहसीलदार को भी ज्ञापन सौंपा। इस दौरान खीम सिंह नेगी, प्रेम राम, देवीदत्त मिश्रा, शंकर मिश्रा, भोपाल सिंह आदि उपस्थित थे।