हितैषी संस्था के तत्वावधान में आयोजित यात्रा के समापन अवसर पर सरयू गोमती संगम पर दल के लोगों ने नदी बचाने का संकल्प लिया। साथ ही पानी के गिरते जलस्तर पर चिंता जताई है। लोगों से चौड़ी पत्ती वाले पौधों के रोपण करने का कहा।
हिमालयन पर्यावरण जलस्रोत एवं पर्वतीय शिक्षा संस्था के संयोजक डॉ. केएस राणा ने बताया कि गरुड़ गंगा के उदगम स्थल गग्यारी स महादेव गरुड़ घाटी के अंतिम गांव भिटारकोट से पदयात्रा शुरू की। इस दौरान अभियान से जुड़े लोगों ने जल, जंगल तथा जमीन से जुड़े मुद्दों को लेकर लोगों के साथ चर्चा की। पलायन, घटते जलस्रोत, सुखती नदियां, बिगड़ता पयार्यावरणीय संतुलन, रसायनिक खेती जैसी विकट समस्याओं के प्रति लोगों को जागरुक किया। इस अभयिान के तहत स्कूली बच्चों के साथ भी चर्चा की। यह दल सिमपुर, थाकला, कोहिना, हड़बेड़, कफलढूंगा, मोतीसारी, बिलमौला, भमड़िया, सैलखोला, छत्यानी आदि गांव होते हुए शनिवार को जिला मुख्यालय के सरयू गोमती संगम पर पहुंचे। यहां स्वच्छाता अभियान चलाया। उसके बाद वृक्ष पुरुष किशन मलड़ा ने नदी बचाने व जंगल बचाने का संलप दिलाया। इस मौके पर रूप सिंह रावत, अर्जुन राणा, कुंदन पुरी, महेश पांडे, नारायण सिंह, रमेश पर्वतीय, बबलू भानू आदि मौजूद रहे।


