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उत्तराखंड की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को आइना दिखती मंत्री जी की तस्वीर।

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प्रदेश की सरकारे हमेशा प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावे करती है। लेकिन सरकारों में रहने वाले विधायक और मंत्री खुद राज्य के सरकारी हॉस्पिटलों से दूर भागते है। सरकारी अस्पतालों की सेवा उनको नागवार गुजरती है। राज्य सरकार के बड़े मंत्री तो प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटलों ने इलाज कराने के बजाय दिल्ली,मुंबई,चेन्नई जैसे महानगरों के हॉस्पिटलों में अपना इलाज कराते है। और यहां की जनता को यहां की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियो को गिनाते भी रहते है। इसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के रूप में देख सकते है। मंत्री जी ने प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ को खुद ही आइना दिखा दिया है।
वैसे आपको बता दे कि रेखा आर्य ऐसी कोई पहली मंत्री या विधायक नहीं हैं जो बेहतर इलाज के लिए प्रदेश से बाहर गई हैं। इससे पहले कई और नेताओं के नाम इस भी लिस्ट में शामिल हैं। प्रदेश में किसी मंत्री या बड़े नेता को कुछ भी हो चाहे हल्का बुखार हो या सर्दी खांसी ही क्यों न हो तो वह अपना इलाज करवाने के लिए सीधे दिल्ली या दूसरे महानगरों में पहुंच जाते है। इनको अपने इलाज के लिए एम्स, मैक्स या वेदांता जैसे हॉस्पिटल ही पसन्द आते है। और वहां से वापस आकर प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओ पर जमकर भाषण देते रहते है। आज कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने भी अपनी रसौली का ऑपरेशन दिल्ली के प्राइवेट मैक्स हॉस्पिटल में कराया। ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि यदि सरकार के मंत्री और यहां के बड़े नेता ही अपने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा नहीं करेंगे तो आम आदमी की तो बात ही छोड़ दीजिए। मंत्रियों के छोटे छोटे इलाज के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने का मतलब तो यही दिखाता है कि प्रदेश में सरकारी हॉस्पिटलों की स्थिति कितनी अच्छी है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सोशल मीडिया पोस्ट कर खुद बताया कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनका रसौली का ऑपरेशन सफल रहा। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पर उन लोगो के लिए कोई नही सोचता जो मंत्रियों जैसा इलाज पाने के लिए तरस जाते है। उनको तो अपने लाचार सिस्टम के हाथों ही दो चार होना पड़ता है। यही वजह है कि कई बार उनको अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है।

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