बागेश्वर जिले में युवाओं के नशे की गिरफत में शिकार होने को लेकर पूर्व विधायक ललित फर्सवाण ने बागेश्वर पुलिस को बताया जिम्मेदार, एसओजी को किया कटघरे में खड़ा
चरस और स्मैक को लेकर बागेश्वर जिले में लगातार आवाज उठती आ रही है। पूर्व में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने इस पर कई बार आवाज उठाई लेकिन उनकी आवाज भी दबा दी गई। अब कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित फर्सवाण ने कहा कि वो जब भारत जोड़ो यात्रा में थे तो लगातार बागेश्वर जिले में बढ़ते स्मैक—चरस के नशे को लेकर खबरें देख रहे थे। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि बागेश्वर जिला आज नशे के जाल में पूरी तरह फस चुका है। उन्होंने बागेश्वर जिले की पुलिस द्वारा नशे के रोकथाम के लिए बनाई गई एसओजी टीम की संलिप्तता सवाल उठाते हुवे कहा कि जब-जब जिले में नए पुलिस अधीक्षक आते है एसओजी सक्रिय हो कर काम में जुट जाती है और कुछ युवाओं को पकड़ कर अपने नंबर बड़ा लेती है उसके बाद वह आराम करने लगती है। उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ते स्मैक के नशे ने जिले के युवाओं का जीवन तबाह कर दिया है। इसके लिए एक तरह से बागेश्वर पुलिस भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा की युवाओं को पकड़ने से नशा खत्म नहीं होने वाला है इसके लिए स्मैक के मुख्य सौदागर को पकड़ना होगा। पर बागेश्वर पुलिस उन युवाओं को पकड़ने तक सीमित हो चुकी है जो उस नशे के जाल में खुद फसे है। उन्होंने एसओजी की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुवे कहा कि बागेश्वर जिले को नशे के प्रकोप से बचाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में उनके द्वारा भाजपा के वरिष्ठ साथियों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा की है। बागेश्वर के युवाओं को बचाने के लिए सभी आगे आए वरना बागेश्वर की युवा पीढ़ी को बचाना मुश्किल हो जायेगा।