पिंडर मोटर मार्ग पर बना लोलिवि का विश्राम गृह बदहाल हो गया है। अब जल्द इसके दिन बहुरने वाले हैं। लोनिवि से एनओसी लेने के बाद नगर पालिका ने इसके सौदर्यीकरण के लिए स्टीमेट बनाकर जिलाधिकारी को सौंपा है। जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण कर जल्द धन स्वीकृत करने का आश्सवासन पालिका को दिया है। धन मिलते ही विश्राम गृह अपने अस्तित्व में आ जाएगा।
आपको बता दे कि एक व्यापारी द्वारा ने एक हफ्ते पहले सोसियल मीडिया पर जर्जर हो चुके विश्राम गृह की पीड़ा भी लिखी है। उन्होंने लिखा था कि लोनिवि विश्राम गृह, हवा महल मुसाफिरखाना न जाने अनगिनत नामों से जाना जाने वाला 1960 में जन्मा आज अपना 61 वा जन्मदिन मना रहा हूं। न जाने कितने आंधी तूफान बरसात को झेलते हुए कितने युवाओं मुसाफिरों का दर्द अपने में समेटे हुए गरीब अमीर सभी को एक समान रूप में आश्रय देकर मैं आज अपने जर्जर हालत में अपने इलाज का इंतजार कर रहा हूं। कोई तो डॉक्टर, हकीम, इंजीनियर, समाज सेवक, युवा होगा जो मेरी इस हालत पर तरस खाकर मेरे इस दर्द को दूर करेगा। अब तो भाई डर लग रहा है कभी कोई मुसाफिर मेरे आगोश में ना आ जाए, क्योंकि मैं अब जर्जर हो चुका हूं , इसलिए गुजारिश कर रहा हूं मेरे से दो गज की दूरी बनाके रखना। मुझसे दो गज दूर ही रहना, क्योंकि मैं कभी भी गिर सकता हूं।
सोसियल मीडिया पर इस पोस्ट को देखने के बाद पालिकाध्यक्ष ने पहले लोनिवि से संपर्क किया और इसे ठीक करने के लिए एनओसी मांगी। एनओसी मिलने के बाद इसका स्टीमेट बनाया। इसके बाद जिलाधिकारी से मुलाकात कर प्रस्ताव रखा। पालिकाध्यक्ष के प्रस्ताव के बाद जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण किया और जल्द बजट स्वीकृत करने का भरोसा दिया।