पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर सड़क पर गड्ढों को देख इतना दुखी हुए कि वो सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। ऐसा पहली बार नहीं हैं कि हरदा सड़क पर धरने पर बैठे हैं। इस से पहले भी दो बार वो इसी सड़क के इन गड्ढों के लिए धरना दे चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद भी इस सड़को को ठीक नहीं किया गया।
हरदा सड़क पर गड्ढों को देख सड़क पर ही गड्ढों के बीच धरने पर बैठ गए हैं। हरदा ने कहा कि किसी को तो शर्म आनी चाहिए। हरदा इन दिनों अपने गांव गए हुए हैं। इसी बीच वो सड़क से गुजर रहे थे। तो उन्होंने सड़क पर गड्ढे देखे। जिसके बाद वो सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
उत्तराखंड की सबसे पुरानी सड़कों में एक सड़क का हाल बेहाल
हरदा ने कहा कि रामनगर को रानीखेत और अल्मोड़ा से जोड़ने वाली सड़क जो कि उत्तराखंड की सबसे पुरानी सड़कों में से एक है उसका हाल ये है। इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं। उन्होंने कहा कि ये पहली बार नहीं है कि मैं धरने पर बैठा हूं। आज तीसरी बार इस सड़क मार्ग में गड्ढों के पास बैठ करके मैं वीडियो साझा कर रहा हूं।
गड्ढे देख करके मुझे लगा कि आखिर किसी को तो शर्म आए
हरीश रावत ने कहा कि मुझे बहुत दु:ख के साथ ये करना पड़ रहा है। मैं एक कार्यक्रम में था तो मुझे बताया गया कि हमने यह सड़क ठीक करवा दी है। लेकिन घर से चलते वक्त इस सड़क पर आते हुए जगह-जगह गड्ढे दिखे। जिसे देखकर मुझे लगा कि आखिर किसी को तो शर्म आनी चाहिए। इसलिए मैं एक बार फिर इस सड़क पर धरने पर बैठा हूं।
हरीश रावत ने कहा कि सिर्फ इसी सड़क का हाल ऐसा नहीं है। ब्लकि उत्तराखंड की सारी सड़कों का हला भी ऐसी ही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं देख रहा था अल्मोड़ा के सम्मानित विधायक श्री मनोज तिवारी को, वो अपने सामने पीडब्ल्यूडी से गड्ढे भरवा रहे थे। मैं उन्हें व बधाई भी देना चाहता हूं। ये रामनगर को रानीखेत और अल्मोड़ा से जोड़ने वाली सड़क है! और जो उत्तराखंड की सबसे पुरानी सड़कों में से एक है। यह तीसरी बार आज इस सड़क मार्ग में गड्ढों के पास बैठ करके मैं वीडियो साझा कर रहा हूं। मुझे बहुत दु:ख के साथ यह करना पड़ रहा है।