जनपद में विकास की धूरी विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी में सम्बोधित करते हुए सचिव मुख्यमंत्री, आवास, वित्त विभाग सुरेन्द्र नारायण पाण्डे ने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य जनपद का विकास का रोड मैप तैयार कर आर्थिकी मजबूत करना है व सत्त विकास का लक्ष्य प्राप्त करना है। उन्होंने कहा जनपद स्तर पर जिला, राज्य व केन्द्रीय विकास योजनाओं को संचालित करते हुए विकास करना है ताकि आगामी वर्षों में जनपद व राज्य की आय में वृद्धि हो सके, जिसमें जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं व आम जनता की सहभागिता अहम है।
एक दिवसीय कार्यशाला में सचिव ने कहा सीमित संशाधनों का सही उपयोग करते हुए जनपद का आगामी 05 वर्षों में अधिक से अधिक विकास किया जाना है इसकी मॉनिटरिंग की जायेगी। सचिव ने कहा कि अधिकारी कर्मचारी ऑनलार्इन डाटा डेसबोर्ड नियमित देखे तथा इसको अपनी आदत में सुधार करें ताकि तकनीकी का भी अधिक से अधिक उपयोग हो सके। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यक्रमों हेतु उपलब्ध कराये गये समस्त वित्तीय संशाधनों के स्रोतों जिनमें जिला सैक्टर, राज्य सैक्टर, केन्द्र सैक्टर, वित्त आयोग, सांसद विधायक निधि आदि प्रमुख है का जनपद में मार्इक्रो प्लान एवं आगणन तैयार करना अतिआवश्यक है, इसी प्रकार तकनीकी संसाधनों हेतु स्थानीय स्तर पर जैसे कालेज, स्वयं सेवी संस्थानों, विश्व विद्यालयों एवं अकादमि एवं शोध संस्थाओं, मेडिकल कालेजों एवं तकनीकी संस्थाओं आदि का विकास कार्यों में उपयोग किये जाने की संभावनाओं का भी आंकलन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड 2025 के दृष्टिगत अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक योजना बनाकर रोडमैप तैयार किये जाये जिससे जनपद में 2023 तक सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सचिव ने जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, के प्रतिनिधियों से वार्ता कर जानकारियॉ ली। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जनपद विकास की धूरी के अवधारणा के प्रभावी उपयोगी एवं सशक्त बनाने हेतु उपलब्ध समस्त संशाधनों का अधिकतम उपयोग कर स्थानीय स्तर पर नियोजन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी एवं उपयोगी बनाया जायेगा। उन्होंने कहा विकास कार्यों का नियमित मॉनिटरिंग एवं स्थलीय सत्यापन किया जायेगा, ताकि कार्यों की गुणवत्ता एवं समयबद्धता बनी रहे। उन्होंने कहा जनता के सुझावों को जनपद के विकास में समाहित किया जायेगा। कार्यशाला में अधिकारियों का गु्रप बनाकर विचार विमर्श किया गया। नियोजन विभाग द्वारा पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारियॉ दी गयी।